हाल ए गांव: जांच से कतरा रहे ग्रामीण, टीमें बैरंग लौट रहीं
लखनऊ। हिन्दुस्तान टीम गांव वाले कोरोना जांच से कतरा रहे हैं। वे जांच टीम के
लखनऊ। हिन्दुस्तान टीम
गांव वाले कोरोना जांच से कतरा रहे हैं। वे जांच टीम के सामने बेतुके तर्क गढ़ रहे हैं। सभी ब्लाक में जांच टीमें रोजाना पहुंच रही हैं। वे जांच भी करना चाहती हैं मगर गांववालों की मुंह फेरने से हताश हैं। वे चेतक टीम से दवा जरूर ले रहे हैं। सभी सीएचसी के अधीक्षक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जांच की तरह टीका लगवाने में भी गांववालों की स्थिति चिंताजनक है। प्रचार-प्रसार करने के बावजूद युवा ही आगे आ रहे हैं। बुजुर्ग अब भी टीके के लिए अस्पताल नहीं आ रहे हैं।
मोहनलालगंज में जांच करने से कतरा रहे
मोहनलालगंज। जांच कराने के लिये अभी भी ग्रामीणों को जागरूक करना पड़ रहा है। ग्रामीण जांच करवाने से कतरा रहे हैं। प्रतिदिन सात टीमें लगभग 700 जांच किट लेकर जाती हैं लेकिन सभी टीमें मिलकर 200-300 तक ही जांच कर पाती हैं। रविवार होने के चलते टीकाकरण नहीं हुआ। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर अस्पताल में ले जाकर भर्ती कर देंगे। आज गौसगंज, देवती,कुबहरा व इंद्रजीत खेड़ा टीम गई थी। कुल 124 एंटीजेन की जांच व 72 आरटीपीसीआर टेस्ट हुए। इसके अलावा मेडिकल किट वितरित की गई।
युसूफनगर में संक्रमण फैला, जांच टीम बेखबर
सरोजनीनगर। तहसील में सुशांत गोल्फ सिटी इलाके के ग्राम सभा यूसुफ नगर व बगियामऊ में कोविड -19 संक्रमण से मरने वालों की संख्या रोजाना बढ़ने से लोगों में रोष है। यहां का एक मरीज ब्लैक फंगस के संक्रमण की चपेट में भी बताया जा रहा है। उनका आरोप है कि चिकित्सकीय सुविधा न होने के कारण गांव के लोग मर रहे हैं। परेशान ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर वेदना मिटाने की अपील की है। भारतीय किसान यूनियन (अरा) युवा के प्रदेश अध्यक्ष आशीष यादव ने बताया कि ग्राम सभा युसुफ नगर,बगिया मऊ शहरी आबादी बढ़ने के साथ नगर निगम की सीमा में आ गए हैं लेकिन वह जोन आठ में है या जोन चार में हैं, पता नहीं चलता है। इसके चलते न तो यहां शहरी सुविधाएं उपलब्ध हैं और न ही ग्रामीण।
कोविड जांच कराने से कतरा रहे है बुजुर्ग
मलिहाबाद। भइया, अब हम बुढा गये हन। तनिक बहुत खांसी खुर्रा है तो वह अब जानै लईके खतम होई। जांच कराब तौ कहूँ कोरौना निकरि आई तौ औउरौ मुसीबत होई जाई। मलिहाबाद के विभिन्न गावों मे जांच टीम को अक्सर यही बातें सुनने को मिल रही हैं। हालांकि निगरानी समिति, ग्राम प्रधान व अन्य जागरूक लोगों के समझाने पर ऐसे लोग जांच कराने के लिये मान भी जाते हैं। मलिहाबाद कस्बे के सैय्यदवाड़ा वार्ड मे आगंनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की टीम ने वार्ड के सभासद के साथ घर-घर जाकर जांच की। इस दौरान टीम ने ऑक्सीजन लेवल की जांच की।
कोरोना से अस्पताल में भर्ती हुए तो लौटकर नही आएंगे
निगोहा। कोरोना निकल आया और अस्पताल में भर्ती हो गए तो दोबारा लौटकर नहीं आएंगे। इसलिए हमें कोरोना जांच नहीं करवानी है। कोरोना कफ्यूर् की वजह से शहर में काम बंद हो गया तो गांव आ गए। अब यहां जो थोड़ा-बहुत काम मिल रहा है वह भी बंद हो जाएगा। अभी तक गेंहू कटाई, पिपरमेंट की रोपाई सब्जी वाले खेतों में सब्जी तोड़ाई सहित अन्य छोटे छोटे-कामों से गांव में रहने वाले मजदूर तबके सहित महिलाएं-बच्चे भी काम कर कुछ पैसे कमा लेते हैं। इस बीच यदि किसी को जुखाम बुखार आया तो जांच कराने के बजाए घर में देशी दवा या गांव के झोलाछाप डॉक्टर से जाकर दवा लेकर अपने को ठीक कर लिया। पर कोरोना जांच के नाम से दूर भागते हैं।
गोसाईंगंज। गोसाईंगंज विकास खण्ड क्षेत्र में अधिकांश गांव में लोग कोरोना जांच से कतरा रहे हैं। उनमें दहशत है कि सर्दी खांसी की परेशानी हुई और जांच कराई तो कहीं कोरोना न निकल आए। जांच के बजाय मेडिकल स्टोरों से दवाएं और काढ़ा पीकर अपना इलाज खुद ही कर रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना पॉजिटिव के परिजनों और केवल आसपास के एक-दो घरों के लोगों की ही जांच कर खानापूर्ति कर रही है। सलेमपुर गांव निवासी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि स्थानीय सीएचसी पर कोविड-19 की सुबह एक घण्टे ही जांच की जाती है। इस कारण जांच के लिए देर आने वाले लोगो बैरंग वापस लौटना पड़ता है। टिकनियामऊ गांव के प्रधानपति मो.हसीब ने बताया गांव में दो लोग कोरोना संक्रमित थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनके ही परिजनों की जांच की। कहने के बाद भी गांव के लोग कोरोना जांच कराने से कतराते हैं।
माल। ब्लॉक के केरौरा गांव में मेडिकल टीम जांच करने दो दिन पहले गई। यहां पर लोग बीमार हैं। खांसी भी आ रही है। बाबूलाल रावत का कलेजा खांसते-खांसते मुंह को आ जा रहा है। गांववालों के कई बार समझाने के बावजूद वह जांच को नहीं गए। उनका तर्क था कि कहीं कोरोना निकल आया तो भर्ती होना पड़ेगा। ऐसे ही बेतुर्क तर्क को सुन जांच टीम रोजाना तंग आ रही है। हालांकि, रविवार को भी एक दर्जन से अधिक आशा कार्यकर्त्रियों ने घर-घर जांच करने की औपचारिकता पूरी की।
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