जीएसटी में व्यापारियों को व्यक्तिगत सुनवाई का जरूर मिलेगा मौका
Lucknow News - - जुर्माने की राशि नोटिस व आदेश में देना होगा - नोटिस अनिवार्य रूप से

लखनऊ, विशेष संवाददाता राज्यकर अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जीएसटी पंजीकरण निरस्त करने, बहाल करने या फिर अन्य किसी तरह की कार्रवाई पर व्यापारियों को अनिवार्य रूप से नोटिस दिया जाएगा। व्यापारी दिए गए पते पर नहीं मिलता है, तो उसे वहां चस्पा किया जाएगा और उसके पंजीकृत पते पर रजिस्टर्ड डाक से भेजा जाएगा। जुर्माने की राशि नोटिस और आदेश में लिखना जरूरी होगा। इसके साथ ही व्यापारियों को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका भी दिया जाएगा। आयुक्त राज्यकर डा. नितिन बंसल ने इस संबंध में सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि व्यापारियों पर कार्रवाई को लेकर कोर्ट में मामला फंसने पर नोटिस समय से न दिए जाने का तर्क दिया जा रहा है।
इसलिए इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा। यूपीजीएसटी अधिनियम की धारा-169 के अंतर्गत निरस्त पंजीयन से संबंधित करदाताओं को नोटिस आदेश की तामीली पर विशेष जोर दिया जाएगा। करदाता के पंजीकृत पते पर स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड डाक से इसे भेजा जाएगा और कार्यालय रिकार्ड में इसे अनिवार्य रूप से सुरक्षित रखा जाएगा। विभागीय अधिकारियों द्वारा माल एवं सेवा कर अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न धाराओं में पारित किए जाने वाले आदेश में कोई तर्क नहीं दिया जाता है। अधिकांश मामलों में आदेश कारण बताओ नोटिस की नकल मात्र होते हैं। उपलब्ध तथ्यों के आधार पर मांग व आदेश पारित किया जाता है। जिन मामलों में उपस्थित होते हुए स्पष्टीकरण दिया जाता है उन मामलों में भी संक्षिप्त रूप से आदेश पारित किया जाता है। यह प्रक्रिया उचित नहीं है। न्याय निर्णय में नोटिस के प्रत्येक बिंदु की समीक्षा करते हुए तर्कपूर्ण ढंग से आदेश पारित किया जाना चाहिए। अधिकतर मामलों में यह जानकारी में आया है कि आदेश पारित करते समय आरोपित किए जाने वाले अर्थदंड की राशि का उल्लेख किए जाने के स्थान पर केवल धारा का जिक्र किया जा रहा है। इसलिए अर्थदंड की राशि कारण बताओ नोटिस और आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा। इसके साथ ही व्यापारी को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए मौका जरूर दिया जाएगा।
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