वैश्य समाज के गौरव थे रामभक्त महाराजा मणिकुंडल
Lucknow News - महाराजा मणिकुंडल वैश्य समाज के गौरव थे धूमधाम से मनी रामभक्त मणिकुण्डल जयंती
महाराजा मणिकुंडल वैश्य समाज के गौरव थे धूमधाम से मनी रामभक्त मणिकुण्डल जयंती
लखनऊ, संवाददाता। इंटरनेशनल वैश्य फेडरेशन और अखिल भारतवर्षीय अयोध्यावासी वैश्य महासभा की ओर से सोमवार को रामभक्त मणिकुंडल महाराज की जयंती भक्तिभाव के साथ मनाई गई। लक्ष्मण टीले के पास अहिमर्दन पातालपुरी मंदिर परिसर में प्रभु राम व मणिकुंडल महाराज के चित्र पर पुष्प आर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। वहीं तहरी भोज व महिलाओं को सिलाई मशीन भेंट की गई।
फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक डा. नीरज बोरा ने महाराजा मणिकुंडल को त्रेताकालीन आदर्श महापुरुष बताते हुए उन्हें धर्मनिष्ठ, रामभक्त और वैश्य समाज का गौरव बताया। राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ अजय गुप्ता ने कहा कि अयोध्या के नगर सेठ मणिकौशल के पुत्र मणिकुंडल जी राम वनगमन के समय अयोध्यावासियों के साथ गये थे। रामजी के चुपचाप चले जाने पर अयोध्यावासी दुखी मन से लौट गए। लेकिन मणिकुंडल जी ने ‘जहां राम तहां अवध है, नहीं अवध बिनु राम कहते हुए राम जी को ढूंढने का संकल्प लिया। वह उन्हें तलाशते हुए पूरे देश में निवास करने लगे। कालान्तर में वे महापुर के राजा बने। अयोध्यावासी वैश्य समुदाय के पूर्वज के रूप में वह पूजनीय हैं। कार्यक्रम में महानगर अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, डा. अनिल गुप्ता, सुनील गुप्ता, अल्पना गुप्ता, सुनीता गुप्ता, महेश साहू, कैलाश चंद्र, मनीष गुप्ता, हिमांशु गर्ग, धर्म दर्शन न्यास नैमिष के अध्यक्ष बलराम मिश्र, लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य सेवादार डा. विवेक तांगड़ी समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
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