एमएसएमई पर बैंकों की कछुआचाल से सरकार असंतुष्ट
एमएसएमई को मजबूत करने के लिए एक हफ्ते चलेगा जागरुकता अभियान
एमएसएमई को मजबूत करने के लिए एक हफ्ते चलेगा जागरुकता अभियान
लखनऊ वरिष्ठ संवाददाता
पीएमजीवाई की सब्सिडी का पैसा बैंकों के पास फंसा हुआ है। मुद्रा लोन पाने के लिए आए आवेदनों को बड़ी संख्या मे निरस्त किया जा रहा है। लेकिन इनमें गलती क्या रह गई इसकी जानकारी आवेदकों को नहीं दी जा रही है। बैंकों को आवेदन निरस्त करने के साथ ही कारण भी लिखना चाहिए और सब्सिडी के पैसे को सही समय पर सही व्यक्ति को पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए। यह बातें राज्य सरकार के विशेष सचिव ने आरबीई के वित्तीय साक्षरता सप्ताह में कही।
प्रदेश सरकार के विशेष सचिव प्रदीप कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए कई तरीके की योजनाओं को संचालित कररही है। जिनको सफल बनाने में बैंकों का सहयोग अहम है। इन योजनाओं पर बैंक ध्यान भी दे रहे हैं। लेकिन अभी भी सुधार की गुंजाइश है। एमएसएमई के लिए लोन लेने में क्या-क्या सावधानियां और किन कागजों की जरूरत है। इसके लिए लोगों को जागरुक करने की जिम्मेदारी भी आरबीआई और बैंकों को उठानी होंगी तभी सफलता मिल सकेगी। इस पर एसएलबीसी के इंचार्ज रामजस यादव ने कहा कि मुद्रा लोन और एमएसएमई आवेदकों के लिए बैंकों ने हेल्प डेस्क बना रखी हैं जहां पर ऐसे उद्यमियों को सलाह और सुझाव दिए जाते हैं। वहीं सिडबी के अधिकारी ने बताया कि इन उद्यमियों को सिडबी के स्वावलंबन केन्द्र और कौशल विकास केन्द्र की सहायता लेनी चाहिए। इसके साथ ही इनके लिए 18002001265 फ्री होल्ड नम्बर से भी जानकारी ली जा सकती है।
आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक आर लक्ष्मीकांत राव ने कहा कि 10 से 15 फरवरी तक आरबीआई पूरे प्रदेश में वित्तीय साक्षरता सप्ताह मना रहा है। जिसमें एमएसएमई के अंतर्गत औपचारिकताओं, प्राप्तियों में छूट, बदहाल इकाइयों का पुनर्वास और समय पर पुनर्भुगतान जैसे पहलुओं से लोगों को जागरुक करने का काम किया जाएगा। इस मौके पर बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबंधक रामजस यादव, स्टेट बैंक जीएस राना, पीएनबी के महाप्रबंधक, आरबीआई के एसके खरे और कुणाल मोहन समेत अन्य बैंकों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
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