गायत्री प्रजापति को मिली अंतरिम जमानत
विधि संवाददाता
गैंगरेप के आरोप में साढे तीन साल से जेल में हैं पूर्व मंत्रीविधि संवाददातालखनऊ। लगभग साढे तीन सालों से गैंगरेप और पॉक्सो के आरोपों जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ी राहत देते हुए, दो महीने के अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होते ही, प्रजापति को सत्र अदालत अथवा जेल अधीक्षक के समक्ष तत्काल समर्पण करना होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति वेद प्रकाश वैश ने गायत्री प्रजापति की द्वितीय जमानत याचिका पर दिया। अंतरिम जमानत दिये जाने के साथ ही न्यायालय ने उन पर कई शर्तें भी लगाई हैं। न्यायालय ने उन्हें कोर्ट की अनुमति के बिना देश न छोड़ने व पासपोर्ट जमा करने के भी आदेश दिये हैं। साथ ही न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि याची अपने सेल फोन नम्बर को विवेचनाधिकारी को उपलब्ध कराएगा व उसे हर समय स्विच ऑन रखेगा। इसके पूर्व गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका पर उनके अधिवक्ताओं की ओर से दलील दी गई कि वह बेगुनाह है और उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है। यहां तक कि मामले की पीड़िता व मेडिकल जांच करने वाले डॉक्टर ने भी सत्र अदालत के समक्ष अभियोजन के आरोपों का समर्थन नहीं किया है। इसके साथ ही कहा गया कि याची कई गम्भीर बीमारियों से जूझ रहा है जिनका इलाज न तो जेल असपताल में उपलब्ध है और न ही केजीएमयू में। याची की ओर से मांग की गई कि बीमारियों को देखते हुए, याची को अल्प अवधि की जमानत पर रिहा कर दिया जाए ताकि वह अपना इलाज करा सके। इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार के अधिवक्ताओं की ओर से कहा गया कि याची को पर्याप्त मेडिकल सुविधा दी जा रही है। हालांकि न्यायालय ने पाया कि गायत्री प्रजापति को मधुमेह के साथ-साथ यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन), हायपरटेंशन व बम्बू स्पाइन (रीढ के जोड़ों से सम्बंधित बीमारी) इत्यादि बीमारियां हैं जिनका समुचित इलाज केजीएमयू में उपलब्ध नहीं है। केजीएमयू के भी चिकित्सकों ने याची को किसी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराए जाने की सलाह दी है। इन परिस्थितियों के साथ ही न्यायालय ने यह भी पाया कि याची को कोविड-19 से संक्रमित होने का भी खतरा है। उक्त परिस्थितियों को देखते हुए न्यायालय ने प्रजापति को अंतरिम जमानत दी है। उल्लेखनीय है कि गायत्रा प्रजापति के खिलाफ वर्ष 2017 में गौतमपल्ली थाने में आईपीसीकी धारा 376(डी), 354ए(आई), 504, 506, 509 पॉक्सो एक्ट की धारा 5 व 6 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी। वह 15 मार्च 2017 से जेल में है। पूर्व में उन्हें एक सत्र अदालत ने जमानत दे दी थी लेकिन उनकी रिहाई से पूर्व हाईकोर्ट ने जमानत को रद् कर दिया था।
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