शिक्षक शिक्षण के विज्ञान को समझने वाला होना चाहिए
लखनऊ में बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग ने एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया। प्रो. ज्योति नारायण बालिया और प्रो. सुरेन्द्र कुमार शर्मा ने भविष्य के शिक्षकों के लिए...
लखनऊ, कार्यालय संवाददाता बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में सोमवार को शिक्षाशास्त्र विभाग की ओर से विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने भविष्य के शिक्षक विषय में अपनी बात रखी।
केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू से एवं यूजीसी समन्वयक प्रो. ज्योति नारायण बालिया ने कहा कि भविष्य का शिक्षक शिक्षण के विज्ञान को समझने वाला, शिक्षण की कला में पारंगत, तकनीकि रूप से कुशल एवं उत्साह से ओतप्रोत होना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने भविष्य के शिक्षक के लिए चुनौतियों की चर्चा की तथा आवश्यक कौशलों पर प्रकाश डाला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रो. सुरेन्द्र कुमार शर्मा ने अधिगम एवं अभिप्रेरणा विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि शिक्षक को सदैव विद्यार्थियों में आंतरिक उत्प्रेरणा जाग्रत करने का प्रयास करते रहना चाहिए। जिससे विद्यार्थी समाज व देश को नई दिशा देने का कार्य कर सकें। उनके अनुसार विश्वविद्यालय डिग्री प्रदान करने वाली संस्था नहीं अपितु ज्ञान एवं विवेक विकसित करने वाली संस्था होनी चाहिए। इस मौके पर शिक्षाशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. हरिशंकर सिंह, डॉ. बी.एस. गुप्ता, डॉ. विक्टोरिया सूसन इज्जिना, डॉ.संगीता , डॉ. लालिमा, डॉ. विवेक नाथ त्रिपाठी, डॉ. शिखा तिवारी व अन्य मौजूद रहे।
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