Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊFraud in Job Recruitment Two Arrested for Cheating Young Woman and Job Seeker

नौकरी का झांसा देकर हड़पे दो लाख,पीड़ितों ने ठगों को दबोचा

- केजीएमयू में नियुक्ति का झांसा देकर युवती से लिए थे एक लाख - गोमतीनगर

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 22 Nov 2024 10:02 PM
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केजीएमयू और सरकारी विभाग में नियुक्ति दिलाने का झांसा देकर युवती समेत दो लोगों से धोखाधड़ी की गई। भरोसा हासिल करने के लिए आरोपी ने युवती को नियुक्ति पत्र दिया। पीड़िता ने फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जाने पर आरोपी को बातों में उलझा कर मिलने बुलाया। फिर हजरतगंज पुलिस को सूचना दे दी। उधर, गोमतीनगर फन माल के पास से नौकरी का झांसा देकर एक लाख रुपये हड़पने वाले दो आरोपियों को पीड़ित ने पुलिस के सुपुर्द किया। डेढ़ लाख के लालच में फंस गया

मुफ्तीगंज निवासी हिना के मुताबिक आलोक तिवारी ने केजीएमयू में नौकरी लगवाने का भरोसा दिया था। जिसके बदले हिना से करीब एक लाख रुपये लिए गए। कुछ दिन पूर्व आलोक ने युवती को नियुक्ति पत्र दिया था। घर पहुंच कर ज्वाइनिंग लेटर चेक करने पर हिना को गड़बड़ी का अंदेशा है। छानबीन करने पर जानकारी हुई की आलोक ने जाली लेटर दिया है। सच्चाई पता चलने पर हिना ने आलोक को दोबारा से कॉल मिलाई। युवती ने आरोपी से कहा कि उसकी एक दोस्त को भी नौकरी चाहिए। आप लगवा दिजिए। हिना की बात सुन कर आलोक ने हामी भर दी। गुरुवार को डेढ़ लाख रुपये देने की बात तय हुई थी। इसके बाद युवती परिवार वालों संग सचिवालय के पास पहुंची और आलोक को दबोच कर पुलिस के सुपुर्द किया। इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि आलोक के पास से एक लाख रुपये बरामद हुए हैं।

फन मॉल के पास से पकड़ा, मुचलके पर छूटे

एलडीए कॉलोनी निवासी बृजेश शुक्ल ने नौकरी के लिए रोजगार पोर्टल पर डिटेल अपलोड की थी। कुछ वक्त बाद उन्हें एक ई-मेल मिली। जिसमें नौकरी को लेकर जानकारी थी। साथ ही इन्दिरानगर चर्च रोड स्थित आर्या इंफोटेक के बारे में जानकारी दी गई थी। 23 सितंबर को बृजेश ने इंफोटेक कम्पनी के दफ्तर पहुंच कर तौसीफ आलम और शंकर राजभर से मुलाकात की। जिन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से कई विभागों में नियुक्तियां की जा रही है। जिसका जिम्मा आर्या इंफोटेक को मिला है। लेकिन नौकरी के लिए करीब डेढ़ लाख रुपये देने होंगे। झांसे में फंस कर बृजेश ने 15 अक्तूबर को एक लाख रुपये दिए। वहीं, पचास हजार रुपये बाद में देना तय हुआ। पीड़ित के मुताबिक रुपये मिलने के बाद तौसीफ और शंकर ने कॉल उठाना बंद कर दिया। संदेह होने पर किसी तरह से बृजेश ने आरोपियों से सम्पर्क किया। साथ ही पुलिस को सूचना दी। बृजेश के मुताबिक बुधवार को तौसीफ और शंकर राजभर को फन माल के पास से पकड़ कर पुलिस को सौंपा था। इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि आरोपियों को मुचलका भरने के बाद छोड़ा गया है।

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