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श्यामलाल को माना जिन्दा, दूसरे के नाम दर्ज वरासत पर रोक

Lucknow News - मलिहाबाद के खड़ौंहा के किसान श्यामलाल को अधिकारियों ने मृतक मान लिया था। उन्होंने अपने जीवित होने का प्रमाण पेश किया, जिससे उनकी जमीन पर लगे रोक हटा दी गई। अब उनकी भूमि उनके नाम पर रहेगी। इस मामले में...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊTue, 21 Jan 2025 08:08 PM
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श्यामलाल को माना जिन्दा, दूसरे के नाम दर्ज वरासत पर रोक

मलिहाबाद के खड़ौंहा के किसान श्यामलाल को तहसील के अधिकारियों ने मंगलवार को जिन्दा मान लिया। श्यामलाल को मृतक दिखाकर उसकी जो भूमि दूसरे के नाम दर्ज की गई थी, उसके दाखिल खारिज पर रोक लगा दी गई है। जमीन अब श्यामलाल के पक्ष में ही रहेगी। इस मामले में एसडीएम की कोर्ट में वाद भी दायर कर दिया गया है। जल्द ही सुनवाई कर विधिक आदेश भी जारी होगा। मलिहाबाद के खड़ौंहा के किसान श्यामलाल की जमीन मलिहाबाद तहसील के अधिकारियों व लेखपालों ने मिलकर दूसरे के नाम पर दर्ज कर दी थी। श्यामलाल को मृतक दिखा दिया था। सोमवार को सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे डीएम विशाख जी अय्यर के सामने उपस्थित होकर श्यामलाल ने अपने जिन्दा होने का सबूत पेश किया था। उन्हें अपने जिन्दा होने का कागजी सबूत दिखाया था। डीएम ने मामले की जांच का आदेश दिया था। श्यामलाल के मुताबिक गांव स्थित खसरा संख्या 2147 की 0.013 हेक्टेयर, 2173 की 0.380 हेक्टेयर, 2126 की 0.367 हेक्टेयर तथा 2122 की 0.023 हेक्टेयर भूमि पर काबिज है। यह जमीन वर्ष 1976 में पिता जयराम पुत्र नन्हें के नाम आवंटित हुई थी। उनकी मृत्यु के बाद भूमि का श्यामलाल और उनकी मां सुखदेई के नाम वरासतन दर्ज हुई थी। वर्ष 2019 में मां सुखदेई की मृत्यु के बाद भूमि उनके यानी श्यामलाल के नाम दर्ज हुई थी। कुछ दिन पहले जब वह केवाईसी कराने के लिए जमीन के कागज निकलवाने गया तब उसे पता चला था कि उसे मृत दिखाकर उक्त नम्बरों पर बांक गांव निवासी राजपति पत्नी श्यामलाल व देवीप्रसाद और राजबहादुर पुत्र गण श्यामलाल रावत के नाम वरासत के रूप में दर्ज कर दिया गया है। डीएम के निर्देश के बाद एसडीएम व तहसीलदार बीकेटी ने मंगलवार को इसकी जांच करायी। जांच में पता चलाकि वास्तविक श्यामलाल यही है जो डीएम के सामने पेश हुआ था। उसकी मृत्यु नहीं हुई है। सही तथ्य सामने आने के बाद तहसीलदार व एसडीएम ने दूसरे के नाम हुए दाखिल खारिज पर स्टे कर दिया। तहसीलदार मलिहाबाद विकास सिंह ने बताया कि दो लोगों का नाम व पिता का नाम एक होने की वजह से यह दिक्कत आयी। दूसरे व्यक्ति के नाम जमीन की दाखिल खारिज हुई। लेकिन अब इसमें स्टे कर दिया गया है।

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एसडीएम की कोर्ट में वाद भी दायर हुआ

इस मामले में अधिकारियों ने एसडीएम की कोर्ट में वाद भी दायर कर दिया है। वाद पंजीकृत होने के बाद सभी पक्षों को नोटिस जारी की जा रही है। सभी को पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। एसडीएम ने बताया कि जवाब आने के बाद इसका निस्तारण विधिक रूप से होगा। क्योंकि दूसरे के नाम नामांतरण हो गया था। इसी वजह से वाद पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि दो लोगों के नाम व उनके पिता का नाम एक होने की वजह से यह समस्या पैदा हुई है। लेकिन मामला जानकारी में आ गया है इसलिए इसे सुधार दिया गया है।

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