एसडीएम का आदेश बेअसर तीन साल में भी नहीं हुई मेड़बंदी
Lucknow News - मोहनलालगंज में किसान राम अचल ने 2012 में जमीन बंटवारे का मुकदमा दायर किया था, जिसका आदेश 2022 में आया। एसडीएम ने मेड़बंदी करने का आदेश दिया, लेकिन तहसील कर्मियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। किसान का बेटा...
मोहनलालगंज। संवाददाता एसडीएम कोर्ट में मुकदमें के आदेश के बाद दो साल दस महीने से मेड़बंदी के लिए चक्कर लगा रहे फरियादी की शिकासत सम्पूर्ण समाधान दिवस में मिलने के बाद एसडीएम ने एक सप्ताह में मेड़बंदी करने के आदेश दिए थे। लेकिन एसडीएम की तय की गई समय सीमा भी बीत गई लेकिन तहसील कर्मियों ने न किसान से सम्पर्क किया न ही मेड़बंदी की।
बल्दीखेड़ा में रहने वाले राम अचल की कमलापुर बिचलिका में भाइयों के साझे में तीन गाटा नम्बरों में जमीन है। जिसके बँटवारे का मुकदमा 14 मार्च 2012 को एसडीएम मोहनलालगंज की कोर्ट में दाखिल किया। जो दस साल चलने के बाद 10 फरवरी 2022 को आदेश हो गया। जिसके बाद किसान ने आदेश के अनुसार मेड़बंदी कराने के लिए राजस्व निरीक्षक, एसडीएम से लेकर सम्पूर्ण समाधान दिवस में गुहार लगाई। लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। 21 दिसम्बर को मोहनलालगंज तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में किसान ने एक बार फिर गुहार लगाई। एसडीएम बृजेश वर्मा ने राजस्व निरीक्षक को फटकार लगाने के साथ तहसीलदार मोहनलालगंज को एक सप्ताह में मेड़बंदी कराकर आख्या देने के आदेश दिए। लेकिन आदेश का कोई असर नही हुआ। किसान राम अचल का बेटा जितेन्द्र यादव शनिवार को दिन भर तहसील में बैठा रहा लेकिन कोई सुनवाई हुई। उसने बताया कि आदेश के बाद से लगातार चक्कर लगा रहा है। लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है। एसडीएम के आदेश को भी तहसील अधिकारी व कर्मी मानने को तैयार नही है।
खतौनी में आदेश तक नहीं चढ़ाया
खेतो पर जाकर मेड़बंदी करना तो दूर लापरवाही का यह आलम है कि एसडीएम कोर्ट से आदेश होने के तीन साल होने को है लेकिन तहसील कर्मियों ने एसडीएम के आदेश को खतौनी तक में दर्ज नही कराया। जिसके लिए भी किसान तहसील अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर है लेकिन कोई सुनवाई नही हुई।
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