अदब के शायर अजमल सुलतानपुरी के जनाजे में उमड़े उनके चाहने वाले
अपनी तहज़ीब व शायरी के जरिए गहरी छाप छोड़ने वाले शायर अजमल सुल्तानपुरी का जाना अदब के नुमाइंदों को काफी खल गया। गुरुवार को उनके जनाजे में चाहने वालों की भारी भीड़ उमड़ी। दोपहर खैराबाद मदरसे में नमाज...
अपनी तहज़ीब व शायरी के जरिए गहरी छाप छोड़ने वाले शायर अजमल सुल्तानपुरी का जाना अदब के नुमाइंदों को काफी खल गया। गुरुवार को उनके जनाजे में चाहने वालों की भारी भीड़ उमड़ी। दोपहर खैराबाद मदरसे में नमाज के बाद उनका जनाजा ईदगाह स्थित कब्रिस्तान के लिए रवाना हुआ तो लोगों की आंखें नम हो गई।
साहित्य जगत में बहुत ही इज्जत और एहतराम कमाने वाले 97 वर्षीय अजमल सुलतानपुरी का बुधवार की शाम निधन हुआ। उनके निधन से साहित्य जगत के लोग स्तब्ध है। वरिष्ठ साहित्यकार कमलनयन पांडे कहते हैं कि संवेदनाएं उनकी रचनाओं के साथ ही उनके जीवन में भी रची बसी थी। उप्र उर्दू अकादमी की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजे गए अजमल सुलतानपुरी अपनी आर्थिक स्थितियों, समय और समाज की विसंगतियों से निरंतर संघर्ष करते रहे। उनके गीतों में भारत की साझा संस्कृति की झलक मिलती है।
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