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शिकायतों का फर्जी निस्तारण कर रहे हैं जिम्मेदार विभाग, अब होगी कार्रवाई

Lucknow News - मंडलायुक्त कार्यालय के आशुलिपिक गोकर्ण सिंह ने जलकल से जुड़ी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसका फर्जी निस्तारण किया गया। शिकायत का सही समाधान नहीं हुआ और नगर निगम के अधिकारियों ने दो फर्जी गवाहों से हस्ताक्षर...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 23 Feb 2025 07:21 PM
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शिकायतों का फर्जी निस्तारण कर रहे हैं जिम्मेदार विभाग, अब होगी कार्रवाई

मंडलायुक्त कार्यालय के आशुलिपिक गोकर्ण सिंह ने जलकल से जुड़ी शिकायत सीएम के आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज कराई थी। आईजीआरएस पर दर्ज उनकी शिकायत का नंबर 40015724107107 था। उनकी शिकायत नगर निगम जलकल के जोन एक से संबंधित थी। जलकल के अधिकारियों व इंजीनियरों ने उनकी शिकायत का निस्तारण ही नहीं किया। उनसे बात भी नहीं की। दो फर्जी गवाह के हस्ताक्षर कराकर उनकी शिकायत का निस्तारण करने की फर्जी रिपोर्ट भेज दिया। इसी तरह नगर निगम के मार्ग प्रकाश विभाग ने कई शिकायतों का फर्जी निस्तारण किया। स्ट्रीट लाइट सही नहीं कराई और रिपोर्ट सही होने की भेज दी। जिलाधिकारी को भी समीक्षा बैठक में कई शिकायतों के फर्जी निस्तारित होने की जानकारी मिली। अब इस मामले में कार्रवाई की तैयारी की गई है।

शिकायतों के निस्तारण में किस तरह का खेल जिम्मेदार विभाग कर रहे हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बड़े अफसर के स्टाफ तक की शिकायत को नहीं निस्तारित किया जा रहा है। मंडलायुक्त कार्यालय के आशुलिपिक गोकर्ण सिंह ने अपनी परेशानी आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज कराई थी। लेकिन इसका भी फर्जी निस्तारण कर दिया गया। जलकल जोन एक के अधिकारियों ने फर्जी निस्तारण किया। दो गवाह से गवाही भी लिखवा कर भेज दी। यह गवाही भी आईजीआरएस पोर्टल पर अपलोड कर दी गई। मामला कमिश्नर कार्यालय का था। लिहाजा संबंधित कर्मचारी ने इसकी शिकायत कार्यालय में की। जिसके बाद अपर आयुक्त प्रशासन ने इस मामले में 13 फरवरी 2025 को महाप्रबंधक जलकल को पत्र लिखा। पत्र में भी उन्होंने साफ कहा है की शिकायतकर्ता का पक्ष सुने बिना ही उसकी समस्या का निदान कराया गया। ऑनलाइन अपलोड की गई रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि शिकायतकर्ता का पक्ष सुना गया। शिकायतकर्ता से मौके पर वार्ता हुई। भौतिक सत्यापन हुआ। दो गवाह होने की बात भी लिखी। एक गवाह मनोज का नाम और फोन नंबर भी दिया गया। अब पता चला शिकायतकर्ता से बिना बात किए ही उसकी शिकायत का फर्जी निस्तारण कर दिया गया। कोई काम ही नहीं हुआ। इसी तरह जगजीत सिंह ने एलडीए कॉलोनी कानपुर रोड के पावर हाउस से स्मृति फोन के बीच की खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों को सही करने के लिए शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत का भी फर्जी निस्तारण कर दिया गया। आज भी स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हैं। जल नहीं रही है। अंधेरा हो जाता है।

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जिलाधिकारी ने फर्जी शिकायत निस्तारण पर चेतावनी दी है

जिलाधिकारी विशाख जी को भी समीक्षा बैठक में शिकायतों के फर्जी निस्तारित किए जाने की जानकारी मिली। इस पर उन्होंने नाराजगी भी जताई थी। कुछ शिकायतों का उन्होंने भी परीक्षण कराया तो पता चला कि शिकायतकर्ता निस्तारण से संतुष्ट ही नहीं है। इसका मतलब निस्तारित ही नहीं किया गया। उसकी शिकायत जज की तस पड़ी है। इस मामले में जिलाधिकारी ने जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों को चेतावनी भी दी है। कहा है कि समय पर शिकायतों का हर हाल में निस्तारण हो। कहीं भी अगर फर्जी शिकायत निस्तारित की गई तो कार्यवाही की जाएगी।

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कमिश्नर कार्यालय भी सख्त हुआ

फर्जी शिकायतों के निस्तारण के मामले में कमिश्नर कार्यालय भी काफी सख्त हुआ है। उसने इस मामले में नगर निगम तथा जलकल के अधिकारियों को पत्र लिखकर जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। कमिश्नर डॉ रोशन जैकब के निर्देश पर खुद अपर आयुक्त प्रशासन ने मामले में नगर निगम तथा जलकल के अधिकारियों को पत्र लिखकर फर्जी शिकायत निस्तारण करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने को कहा है।

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