निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का क्रमिक अनशन जारी
Lucknow News - -संघर्ष समिति ने सेवानिवृत्त निदेशक निधि नारंग पर की एफआईआर की मांग

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर 02 मई से प्रारंभ हुआ क्रमिक अनशन गुरुवार को सातवें दिन भी जारी रहा। संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने विस्तारित कार्यकाल पूरा हो जाने के बावजूद निधि नारंग के निदेशक वित्त के कमरे में बैठकर निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते हुए उन पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। निजीकरण के विरोध में प्रदेश के सभी जिलों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन किए गए। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद निदेशक वित्त के कमरे में बैठकर निधि नारंग का फाइलें देखना और समस्त गोपनीय दस्तावेज ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को ट्रांसफर करना बहुत ही गंभीर घटना है।
उन्होंने कहा कि निधि नारंग अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट का झूठा शपथ पत्र देने का मामला दबाए हुए हैं। उन्होंने कारपोरेशन प्रबंधन पर भी कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन के फर्जीवाड़े की फाइल ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाया है। संघर्ष समिति ने इस घोटाले पर ऊर्जा मंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं। गुरुवार को क्रमिक अनशन में 200 से अधिक बिजली कर्मचारी और अभियंता शामिल हुए। क्रमिक अनशन में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, गजरौला, और मुरादाबाद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जनपदों तथा लखनऊ नगर के बिजली कर्मचारी और अभियंता सम्मिलित हुए। इसके अलावा तमिलनाडु प्रांत के चार इंजीनियर और हिमाचल प्रदेश के बिजली कर्मी भी क्रमिक अनशन में शामिल हुए।
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