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निजीकरण की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार, मुख्यमंत्री करें हस्तक्षेप

Lucknow News - विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निजीकरण के खिलाफ हस्तक्षेप करने की मांग की है। समिति ने 9 अप्रैल को लखनऊ में एक बड़ी रैली का आयोजन करने का ऐलान किया है। कर्मचारी...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 6 April 2025 08:57 PM
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निजीकरण की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार, मुख्यमंत्री करें हस्तक्षेप

- रैली की तैयारियों के बीच, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से की अपील लखनऊ, विशेष संवाददाता

निजीकरण की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप करने की मांग की है। संघर्ष समिति ने कहा कि संगठन निजीकरण की प्रक्रिया के विरोध में 9 अप्रैल को बड़ी रैली राजधानी में करने जा रहा है, जिसमें निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष का ऐलान किया जाएगा।

संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि निजी घरानों से मिली-भगत में टेंडर को अंतिम रूप दिया गया है। यह बेहद गंभीर मामला है। जिस सलाहकार कंपनी को ठेका दिया गया है, वह पावर कॉरपोरेशन के निदेशक (वित्त) के कमरे में बैठकर काम कर रही है। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करने के लिए एटीएंडसी हानियों को 40 प्रतिशत मानकर निजीकरण के टेंडर डॉक्युमेंट तैयार किए जा रहे हैं। हालांकि, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए अपनी सोशल मीडिया पोस्ट पर एटीएंडसी हानियों के 16.5 प्रतिशत रहने का दावा कर रहे हैं। अब पावर कॉरपोरेशन को ही यह साफ कर देना चाहिए कि क्या ऊर्जा मंत्री का दावा झूठ है या निजीकरण के लिए इस्तेमाल हो रहे आंकड़े फर्जी हैं?

विरोध कर रहे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर रहा पावर कॉरपोरेशन

संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन के अवैधानिक कदमों का कर्मचारी और इंजीनियर लगातार विरोध कर रहे हैं। जब सलाहकार कंपनी के लोगों को गोपनीय दस्तावेज गुपचुप तरीके से सौंपे गए तब भी संघर्ष समिति ने विरोध किया था। कर्मचारियों और अभियंताओं के विरोध से खीझा पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने बिजली कर्मियों और अभियंताओं पर अनर्गल आरोप लगा कर दंडात्मक कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। संघर्ष समिति ने पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन से इस तरह की अनुचित कार्रवाइयां रोकने की अपील की है। साथ ही कहा है कि अगर उत्पीड़न जारी रहा तो कर्मचारी चुप नहीं बैठेंगे।

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