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होली दिन मस्जिदों में दो बजे पढ़ी जाए जुमे की नमाज: फरंगी महली

Lucknow News - ईदगाह के पेश इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रमजान के दूसरे जुमे और होली के एक ही दिन पड़ने पर एडवाइजरी जारी की है। नमाजियों से अनुरोध किया गया है कि वे 14 मार्च को जुमे की नमाज का समय 02 बजे...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 6 March 2025 07:51 PM
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होली दिन मस्जिदों में दो बजे पढ़ी जाए जुमे की नमाज: फरंगी महली

-इमाम ईदगाह ने होली पर्व व जुमा एक दिन होने के लिए जारी की एडवाइजरी लखनऊ, संवाददाता।

रमजान का दूसरा जुमा और होली एक ही दिन पड़ रही है। इसे देखते हुए इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के चेयरमैन तथा ईदगाह के पेश इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रोजेदारों, नमाजियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने कहा है कि रमजानुल मुबारक का पवित्र महीना चल रहा है। हर मुसलमान पूरी कोशिश करता है कि वह इस पवित्र माह में अधिक से अधिक इबादत करे। अच्छी तरह नमाज पढे और रोजे रखे। हर रोजेदार अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता है कि उसके स्वयं, अमल और इबादत से किसी को भी तकलीफ या नुकसान न पहुंचे।

इस साल रमजान के दूसरे जुमे यानी 14 मार्च को हमारे दूसरे भाइयों का त्योहार होली है। जुमे की नमाज मुसलमानों की अहम तरीन जमाअत है। होली में लगभग दोपहर 01 बजे तक रंग खेला जाता है। इसलिए ईदगाह पेश इमाम ने 14 मार्च को जुमे की नमाज के लिए एडवाइजरी जारी की है। सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने मस्जिदों के इमामों और कमेटियों के जिम्मेदारों से अपील की है कि वह इस एडवाइजरी पर अमल करें। उन्होंने कहा कि इस पहल से हमारी गंगा जमुनी तहजीब, राष्ट्रीय एकता, आपसी भाईचारे को बढ़ावा मिलेगा।

मौलाना की सलाह

1- जिन मस्जिदों में जुमे की नमाज़ 12:30 से 01 बजे के बीच होती है, वह 14 मार्च को नमाज का वक्त 02 बजे का कर लें ताकि नमाजियों को मस्जिद में आने जाने में कोई परेशानी न हो।

2-14 मार्च को अवकाश है। इसलिए मुसलमान जुमे की नमाज पढ़ने दूर की मस्जिद में न जायें बल्कि अपने मोहल्ले की मस्जिद में नमाज अदा करें।

3-जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में जुमे की नमाज़ का समय 12:45 बजे है लेकिन 14 मार्च को 2 बजे अदा की जायेगी।

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने तमाम मस्जिदों के इमाम हजरात और संचालक कमेटियों के जिम्मेदारों से अपील की है कि वह इस एडवाइजरी पर अमल करें। उन्होने उम्मीद का इज्हार किया कि इस पहल से हमारी गंगा जमनी सभ्यता, राष्ट्रीय एकता, आपसी भाई चारा को बढ़ावा हासिल होगा।

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कई मस्जिदों में तरावीह में मुकम्मल हुई कुरान

कई मस्जिदों में तरावीह की नमाज में पांच पारे कुरआन पढ़ी जा रही थी। उन मस्जिदों में आज कुरआन मुकम्मल हो गया। पांच पारे की तरावीह ईदगाह की जामा मस्जिद में हो रही थी। इसके अलावा मस्जिद दरगाह शाह मीना शाह, तरकारी मंडी राइन मस्जिद में भी पांच पारे की तरावीह मुकम्म हो गई।

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मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में उलमा का एक पैनल दीनी सवालों के जवाब देता है। लोग इन नंबरों 9415023970, 9335929670, 9415102947, 7007705774, 9140427677 पर सवालों के जवाब ले सकते हैं।

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आज के सवाल-जवाब

सवाल: एक शख्स ने लगभग छह सालों से हज के लिए कुछ रकम रखी है और वह इस साल हज पर जाना चाहते हैं, तो क्या इस रकम पर पिछले सालों की जकात वाजिब है।

जवाब: जब तक वह रकम खर्च न हो जाये उस वक्त तक तमाम पिछले सालों की जकात वाजिब है।

सवाल: एक शख्स जिसको मिर्गी का मर्ज है और रोज़े के दौरान उसे दौरा पड़ जाए तो क्या रोज़ा टूट जायेगा?

जवाब: रोज़ा नही टूटेगा।

सवाल: क्या बिना वुजू के रोज़ा इफ्तार कर सकते है?

जवाब: कर सकते है, लेकिन वुजू के साथ करना बेहतर है।

सवाल: क्या फोटो वाले कपड़े पहन कर नमाज़ पढ़ सकते है?

जवाब: नही पढ़ सकते है।

सवाल: क्या जकात की रकम से कब्रिस्तान की बाउंड्री वगैरा बनवा सकते हैं?

जवाब: नही बनवा सकते हैं।

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शिया हेल्प लाइन नंबर पर दीनी सवाल जवाब

सवाल-अगर कोई लड़की जिस पर रोज़ा वाजिब है, क्या वह रोज़ा रखकर परीक्षा देने जा सकती है।

जवाब-रोज़ा एक अनिवार्य कार्य है, किसी भी हाल मे रोज़ा छोड़ा नही जा सकता।

सवाल-क्या रमज़ान का कज़ा रोज़ा मोमिन की दावत पर समय से पहले अफतार किया जा सकता है।

जवाब- चूंकि दावत एक मुस्तहब है, लेकिन कज़ा रोज़ा एक अनिवार्य है।

सवाल-रोज़ेदार छात्र कॉलेज में बेहोश हो जाए और लोग उसे बेहोशी में पानी पिला दें, तो उसके रोज़े का क्या हुक्म है।

जवाब-रोज़ा टूट जाएगा, उसे उसकी कज़ा करनी होगी, लेकिन कफ़्फ़ारा अदा नहीं करना पड़ेगा।

सवाल-अगर कुछ लोग मिलकर भेड़-बकरी आदि पालकर व्यापार करते हैं और उस पर ज़कात वाजिब होती है, तो क्या सभी हिस्सेदारों की अनुमति के बाद ज़कात अदा की जाएगी।

जवाब-अगर उन पर ज़कात वाजिब हो चुकी हो, तो कोई एक हिस्सेदार ज़कात दे सकता है।

सवाल-अगर कोई इंसान तकलीद नहीं करता है, तो उसके लिए क्या हुक्म है।

जवाब-इबादतों की शुद्धता के लिए हर बालिग और समझदार व्यक्ति को तकलीद करना आवश्यक है।

आयतुल्लाह अल उज़मा सैयद सादिक़ हुसैनी शिराज़ी से जारी शिया हेल्प लाइन पर मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी ने सवालों के जवाब दिए।

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महिलाओं के लिए शिया हेल्प लाइन-

महिलाओं के लिए हेल्प लाइन शुरू की गई है। महिलाएं अपने सवालों के जवाब इस नंबर पर तलाश कर सकती हैं- 6386897124

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शिया हेल्प लाइन नंबर- सुबह 10 -12 बजे तक 9415580936- 9839097407 नंबरों पर सवालों के जवाब पा सकते हैं।

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