संपादित: पेज--5--ईद की खुशियों पर कोरोना का साया, कारोबारियों की उम्मीदों पर फिरा पानी इसी के साथ अक्षय तृतीया की खबर अटैच
कारोबार-1 - रेडीमेड कपड़े, जूते व ज्वैलरी का 500 करोड़ का कारोबार प्रभावित -
कारोबार-1
- रेडीमेड कपड़े, जूते व ज्वैलरी का 500 करोड़ का कारोबार प्रभावित
- कोरोना कर्फ्यू के कारण चौक, अमीनाबाद बाजार में सन्नाटा
लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता
कोरोना महामारी ने लगातार दूसरे साल ईद की रौनक छीन ली। राजधानी के बाजारों में कोई हलचल दिखाई नहीं दे रही है। चौक, अमीनाबाद, नक्खास सहित सभी प्रमुख बाजारों में सन्नाटा है। कारोबारियों के मुताबिक ईद से पांच दिन पहले से खरीदारी शुरू हो जाती है। इस दौरान कपड़ा, ज्वेलरी, कॉस्मेटिक सहित अन्य सामानों का करीब 500 करोड़ का कारोबार होता है लेकिन कोरोना कर्फ्यू ने कारोबारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
उत्तर प्रदेश कपड़ा उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक मोतियानी ने बताया कि पिछले साल भी कोरोना महामारी के कारण ईद पर कपड़ों की बिक्री बिल्कुल नहीं हुई थी जबकि व्यापारी तीन महीने पहले से तैयारियां शुरू कर देते हैं। ईद और सहालग कपड़ा कारोबारियों के लिए यह सबसे अच्छा समय होता है। इस बार दुकानों पर माल भरा हुआ है लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण बाजार बंद हैं। ग्राहकों के फोन भी आ रहे हैं। कोई शादी के लिए शेरवानी, कुर्ते-पायजमे खरीदने की बात कर रहा है। कोई रमजान के लिए पठानी सूट के कपड़े मांग रहा है तो कोई लहंगे। एक तरफ कोरोना ने आतंक मचाया हुआ है। दूसरी तरफ कारोबार का अच्छा समय निकलता जा रहा है।
ईद के बाद सहालग शुरू हो जाती है
चौक सराफा एसोसिएशन के संगठन मंत्री आदिश जैन ने बताया कि शादी-विवाह, ईद और अक्षय तृतीया पर राजधानी में करीब 25 करोड़ का कारोबार हो जाता है। ईद के बाद मुस्लिम समाज में शादी की तैयारियां तेज हो जाती हैं। ईद का चांद दिखने के बाद शादियां होती हैं। लेकिन इस बार अधिकतर परिवारों ने शादी की तारीख को आगे बढ़ा दिया है। इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग रस्तोगी ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के कारण ऑनलाइन खरीदारी हो रही है। बहुत कम ग्राहक बुकिंग करा रहे हैं।
सेवईं कारोबार को तीन करोड़ का नुकसान
बिना मीठी सेवइयों के ईद का त्योहार अधूरा होता है लेकिन इस बार सेवईं में वह मिठास नहीं होगी। क्योंकि कारखाने बंद पड़े हुए हैं। पुराना बना हुआ माल कोरोना कर्फ्यू के कारण बिक नहीं पा रहा है। बालागंज में सेवईं कारीगर जाकिर अली ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के कारण से 20 दिनों से कारखानें बंद हैं। प्रत्येक दुकानदार 25 से 30 लाख का माल तैयार करता है। कारखाने बंद रहने से सेवईं व्यापार को करीब तीन से साढ़े तीन करोड़ का नुकसान होगा।
ईद पर कारोबार
- इलेक्ट्रानिक आइटम 150 करोड़
- कपड़ा, होजरी, गारमेंट कारोबार 115 करोड़
- जूता और सैंडल 25 करोड़
- फर्नीचर, क्रॉकरी उत्पाद 50 करोड़
- ज्वेलरी कारोबार 100 करोड़
- चूड़ी, कंगन, कॉस्मेटिक 10 करोड़
- सेवईं और खजूर का कारोबार 10
- अन्य तरह के आइटम 40 करोड़
जकात के पैसों से हो रही कोरोना संक्रमितों की मदद
अल्लाह पाक ने मुसलमानों पर पांच फर्ज नाजिल किए हैं। इनमें जकात भी शामिल है। कुल माली हालत का ढाई फीसदी पैसा जकात के तौर पर दिया जाता है। राजधानी में मुकद्दस रमजान में खूब जकात निकाली जा रही है। शहर की परवाज फाउंडेशन, एएमयू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन, सालारे मिल्लत वेलफेयर एसोसिएशन जैसी संस्था जकात के पैसों से गरीब बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी उठा रही हैं, साथ ही कोरोना मरीजों की चिकित्सा भी कर रही है। वहीं गरीबों को छोटे-छोटे व्यवसाय भी करा रहे हैं।
परवाज फाउंडेशन के तारिक सिद्दीकी कहते हैं कि कोरोना को देखते हुए हम लोगों ने ऐशबाग इस्लामिक सेंटर के साथ कोविड हेल्प डेस्क की शुरुआत की है। जिसमें कोरोना मरीजों की मदद की जा रही है। लाखों की ऑक्सीजन से लेकर दवा तक की मदद की जा रही है। उन्होंने बताया कि जकात का मकसद है कि किसी गरीब की इस तरह मदद की जाए जिससे अगले साल वो खुद जकात देने लायक हो जाए। वहीं सालारे मिल्लत वेलफेयर एसोसिएशन के तमीम नदवी बताते हैं कि कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन, दवा के साथ चिकित्सीय उपकरण की सुविधा की जा रही हैं। इसके अलावा गरीबों की आर्थिक मदद भी की जा रही है।
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अक्षय तृतीया पर कोरोना का ग्रहण, शादियां स्थगित
सराफा कारोबारियों को अक्षय तृतीया का बेसब्री से इंतजार रहता है लेकिन लगातार दूसरे वर्ष अक्षय तृतीया पर कोरोना का ग्रहण लग गया है। पिछले वर्ष लॉकडाउन की वजह से अक्षय तृतीया पर दुकानें बंद थीं और इस वर्ष भी 17 मई तक कोरोना कर्फ्यू के कारण अक्षय तृतीया पर दुकानें नहीं खुलेंगी।
इंडिया ज्वेलर्स एडं गोल्ड स्मिथ फेडरेशन (कैट विंग) के संस्थापक विनोद माहेश्वरी ने बताया कि ईद और अक्षय तृतीया को लेकर सराफा कारोबारी काफी पहले से तैयारी करने लगते थे ताकि अक्षय तृतीया पर ग्राहकों को दिखाने के लिए जेवर कम न हों। पिछले वर्ष कोरोना के चलते लॉकडाउन लगा था तो अधिकतर दुकानदारों ने जेवर उठाकर घरों में रख लिए थे। वहीं से उनकी फोटो ग्राहकों को भेजनी शुरू कर दी थी लेकिन इस बार कारोबारियों को ऐसा मौका नहीं मिला।
बैंड-बाजा से लेकर घोड़ी बग्गी तक कैंसिल
लखनऊ आदर्श टेंट कैटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के कारण अक्षय तृतीया पर होने वाली अधिकांश शादियां स्थगित हो गई हैं। इससे बैंक्वेट हाल, बैंड बाजा, हलवाई, लेबर, डेकोरेशन, बैरे, फूल विक्रेता, जेनरेटर, टेंट, क्राकरी, घोड़ा बग्गी, प्रिटिंग प्रेस, बस-कार सर्विस आदि प्रभावित हुए हैं।
पांच फीसदी शादियां होटल में हो रहीं
लखनऊ होटल एसोसिएशन के सचिव श्याम कृष्णानी ने बताया कि अक्षय तृतीया पर करीब 15 हजार शादियां थी लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण 95 प्रतिशत शादियां कैंसिल हो गईं। बाकी पांच फीसदी शादियां होटल और बैंक्वेट हॉल में हो रही हैं। वहीं वेडिंग प्लानर पूजा मिश्रा ने बताया कि अक्षय तृतीया को शादी की 12 बुकिंग थीं। नौ कैंसिल हो गई हैं। सिर्फ तीन शादियां होटल में हैं।
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