ईडी ने श्रीलक्ष्मी कॉटसिन कम्पनी की 32 करोड़ की 86 जमीनें जब्त की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कानपुर की श्रीलक्ष्मी कॉटसिन कंपनी के खिलाफ 7377 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में छत्तीसगढ़ के भाटापारा और बलौदा बाजार में 31 करोड़ 94 लाख रुपये की 86 जमीनें कुर्क की हैं।...
छत्तीसगढ़ के भाटापारा और बलौदा बाजार में हैं ये जमीनें कानपुर के कृष्णापुरम में इस कम्पनी का मुख्यालय है
6000 करोड़ रुपए से अधिक की रकम हड़प ली थी बैंकों से ऋण लेकर
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कानपुर की श्रीलक्ष्मी कॉटसिन कंपनी की छत्तीसगढ़ के भाटापारा और बलौदा बाजार में स्थित 31 करोड़ 94 लाख रुपये की 86 जमीनें मंगलवार को कुर्क कर ली। 73.34 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाली इन जमीनों को श्रीलक्ष्मी कॉटसिन कम्पनी ने अपने बेहद करीबी कर्मचारियों, परिचित व्यक्तियों और कम्पनी के नाम खरीद रखी थी। इस कम्पनी पर विभिन्न बैंकों से ऋण लेकर 7377 करोड़ रुपये से अधिक की रकम हड़पने का आरोप है। वर्ष 2005 से वर्ष 2013 के बीच यह फर्जीवाड़ा हुआ। ऋण न जमा करने पर इस कम्पनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया था।
इस मामले में एक जून, 2021 को सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के डीजीएम राजीव खुराना ने श्रीलक्ष्मी कॉटसिन लि., कंपनी के सह प्रबन्ध निदेशक डॉ. माता प्रसाद अग्रवाल, संयुक्त प्रबन्ध निदेशक पवन कुमार अग्रवाल, उप प्रबन्ध निदेशक देवेश नारायण गुप्ता, निदेशक शारदा अग्रवाल और अन्य लोगों के खिलाफ वर्ष 2010 से 2018 के बीच धोखाधड़ी, साजिश और खातों में हेराफेरी करने की एफआईआर दर्ज कराई थी। कंपनी का एक कार्यालय नई दिल्ली में भी खोला गया था। इसी के पते पर अरबों रुपये के ऋण लिए गए थे। ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। इस मामले में सीबीआई जांच भी हुई थी।
कपड़ा कारोबार के लिए 23 बैंकों से ऋण लिया
ईडी की जांच में सामने आया कि श्रीलक्ष्मी कॉटसिन कंपनी ने कपड़े, रजाई और अन्य चीजों का कारोबार करने के लिए 23 बैंकों से ऋण लिया था। ऑडिट में पता चला था कि आरोपी कंपनी ने ऋण अनुबंध के नियमों और शर्तों का पालन नहीं किया था। कंपनी ने इन्वेंट्री रिकॉर्ड को बढ़ा पेश किया था। नीलामी प्रक्रिया को अनुचित तरीके से व्यवस्थित किया।
कंपनी ने फंड को दूसरे खातों में डालकर निकाल लिया
जांच में यह भी सामने आया कि श्रीलक्ष्मी कॉटसिन कंपनी के कुछ फंड को उसके समूह की अन्य कंपनी श्रीलक्ष्मी पावर लि. में डाला गया। फिर इस रकम को बलौदा बाजार स्थित आईसीआईसीआई बैंक की शाखा से दूसरे व्यक्तियों के खाते में भेजा गया। साजिश के तहत ही इस रकम का इस्तेमाल कंपनी के करीबी कर्मचारियों और छत्तीसगढ़ के कुछ सीधे-साधे लोगों के नाम से अचल सम्पत्तियां खरीद ली गई थी।
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