वाराणसी के धार्मिक पर्यटन, औद्योगिक विकास पर अध्ययन करेगा एलयू
Lucknow News - - वाराणसी के विकास के आर्थिक प्रभाव पर स्टडी करने की तैयारी -
- वाराणसी के विकास के आर्थिक प्रभाव पर स्टडी करने की तैयारी - शोधार्थियों को वाराणसी से जुड़े विषय आवंटित किए जाएंगे
- अर्थशास्त्र, वाणिज्य, प्रबंधन समेत कई अन्य विभाग बना रहें योजना
लखनऊ, संवाददाता।
वरुणा और असी नदी के बीच बसे शहर वाराणसी के धार्मिक पर्यटन, स्वास्थ्य व चिकित्सा सुविधा, औद्योगिक विकास और कनेक्टिविटी व बुनियादी ढांचे समेत कई बिन्दुओं पर पड़ने वाले आर्थिक प्रभाव का अध्ययन लखनऊ विश्वविद्यालय करेगा। हाल ही में कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की अगुवाई में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने वाराणसी के कई क्षेत्रों का दौरा कर यह निर्णय लिया।
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय वाराणसी में की गई पहलों और विकास के विस्तृत विश्लेषण के लिए अर्थशास्त्र, वाणिज्य, प्रबंधन और इसी तरह के विषयों से अलग-अलग छात्रों को शोध प्रबंध विषय आवंटित करेगा। जिससे उद्योग और समाज को जोड़ा जा सके। कुलपति प्रोफेसर राय के मुताबिक प्रारंभिक रिपोर्ट में टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि एक समग्र योजना बनाकर उसे क्रमिक ढंग से लागू किया गया है, जिससे न केवल देश के बाकी हिस्सों के साथ वाराणसी की कनेक्टिविटी बढ़ी है, बल्कि श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और शहर में अन्य धार्मिक महत्व के स्थानों की पहल के साथ शहर के बुनियादी ढ़ांचे को लगातार बढ़ती हुई अस्थिर आबादी को संभालने में सक्षम बनाया गया है।
कुटीर उद्योगों के लिए प्रयास शुरू हुए
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के अनुसार, वाराणसी को बीएचयू और रेलवे अस्पताल में चिकित्सा बुनियादी ढ़ांचे को विकसित करने और मजबूत करने पर भी काफी प्रोत्साहन मिला है। इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और नेपाल की आबादी को मदद मिली है। बनारसी सिल्क उद्योग, लकड़ी के खिलौने उद्योग सहित ग्रामीण और कुटीर उद्योग को मजबूत करने के लिए एक व्यवस्थित प्रयास भी शुरू किया गया है। अमूल डेयरी प्लांट की स्थापना ने डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया है।
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