Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊDr Anil Rastogi Awarded DD UP Lifetime Achievement Honor at 50th Anniversary Celebration

चिकित्सा, साहित्य, संगीत, खेल की विभूतियों को मिला डीडीयूपी सम्मान

दूरदर्शन लखनऊ का 50वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया, जिसमें डीडीयूपी लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान 2024 डा. अनिल रस्तोगी को दिया गया। समारोह में साहित्य, खेल, चिकित्सा, कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 24 Nov 2024 07:09 PM
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-डा. अनिल रस्तोगी को मिला डीडीयूपी लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान- 2024 -दूरदर्शन लखनऊ के वर्ष 1975 से वर्ष 2024 तक के सफर को साझा किया

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता

दूरदर्शन लखनऊ का 50 वां स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। लोहिया पार्क में हुए समारोह में जहां साहित्य, खेल, चिकित्सा, कृषि, के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मान दिया गया। वहीं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और सूफी गीतों से सजी शाम ने स्थापना दिवस को यादगार बना दिया।

स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष नवनीत सहगल ने डीडी यूपी लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान 2024 से वरिष्ठ रंगकर्मी व सिने कलाकार अनिल रस्तोगी को सम्मानित किया। इसके साथ ही डीडी यूपी साहित्य सम्मान से प्रो. सूर्य प्रसाद दीक्षित, डीडीयूपी चिकित्सा सम्मान से डा. देवाशीष शुक्ल, डीडीयूपी खेल सम्मान से सुधा सिंह, डीडीयूपी कृषि सम्मान से विनोद सिंह एवं डीडीयूपी संगीत सम्मान से डा. श्रीकांत शुक्ल को सम्मानित किया गया। समारोह में आकाशवाणी लखनऊ के प्रथम समाचार वाचक, 97 वर्षीय यज्ञदेव पंडित जी का मंच पर आगमन एक अत्यंत भावुक क्षण था उनके चेहरे पर अनुभव की आभा और आंखों में बीते समय की झलक थी। उन्होंने प्रदेश के जन मानस तक आकाशवाणी के माध्यम से पहली बार समाचार पहुंचाने का गौरव प्राप्त किया | इस अवसर पर यज्ञदेव पंडित को विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में सम्मानित भी किया गया। प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष नवनीत कुमार सहगल ने दूरदर्शन लखनऊ की 50 वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दूरदर्शन लखनऊ ने अपने प्रसारण के जरिए समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया है और उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रस्तुत किया है। दूरदर्शन की महानिदेशक कंचन प्रसाद ने कहा कि यह केंद्र केवल समाचार एवं कार्यक्रम प्रसारित करने का माध्यम नहीं है बल्कि जनता के जीवन, संस्कृति एवं विचारों का सजीव प्रतिबिंब है। दूरदर्शन लखनऊ कार्यक्रम प्रमुख आत्म प्रकाश मिश्र ने बताया कि पिछले 50 वर्षों में दूरदर्शन लखनऊ ने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि यह स्थापना दिवस समारोह दूरदर्शन लखनऊ की गौरवशाली यात्रा का एक पड़ाव है, और आगे भी इस यात्रा में नए-नए आयाम जोड़े जाएंगे। उप महानिदेशक एवं केंद्राध्यक्ष अनुपम स्वरूप ने कहा कि वर्ष 1975 से वर्ष 2024 के इस लंबे सफर में दूरदर्शन यूपी के कार्यक्रमों की रूपरेखा में भी परिवर्तन हुआ और तकनीक और तकनीकी सुविधाओं में भी। ब्रॉडकास्ट आडियन्स रिसर्च कौंसिल के 26 अक्टूबर से 01 नवम्बर 2024 के आंकडों के अनुसार डी.डी. उत्तर प्रदेश की दर्शकों तक पहुंच एक करोड़ से भी ज्यादा है।

...दुनिया खुश रखने का अपना परिवार बहुत है

स्थापना दिवस पर हुए कवि सम्मेलन में कवियों ने दिलों को छूने वाली रचनाएं सुनायी। संचालन कर रहे स्माइल मैन सर्वेश अस्थाना ने रिश्तों में तकरार बहुत है, लेकिन इनमें प्यार बहुत है, सारी दुनिया खुश रखने को, बस अपना परिवार बहुत है रचना को रिश्तों को मजबूत करने का संदेश दिया। लोकप्रिय शायर हसन काजमी ने दिल मे तेरे ख्याल की ताबिन्दगी रहे, सांसों की रह गुजर यही रोशनी गालिब से फिक्र लीजिए, इकबाल से ख्याल, लहजे में अबोताब मगर मीर की रहे है दैर ब्राह्मण का हरम मौलवी का है, कोई हमे बताए कहां आदमी रहे कलाम से एकता का संदेश पंहुचया। कवि चन्द्रशेखर वर्मा ने तेरी तस्वीर का जब दाम लगाया जाये, नाम उस पर से मुस्व्विर का हटाया जाये, ऐ ख़ुदा ठीक बनी है तेरी दुनिया फिर भी, मर्तबा इस में मुहब्बत का बढ़ाया जाए, डा. बुद्धिनाथ मिश्र ने मिलना तो है दूर, सुखद है मिलने की तैयारी, एक मिलन की रात, विरह की सौ रातों पर भारी, डा. सुमन दुबे ने दिल की बंजर जमीं को हरा कीजिये, काम कोई तो उम्मीद का कीजिये, ज़िन्दगी रेजा- रेजा बिखर जाएगी, फूल को शाख से मत जुदा कीजिये रचना से श्रोताओं पर अमिट छाप छोड़ी। इसके साथ ही कवि सम्मेलन में शहबाज तालिब, अज्म शाकिरी, अनुपम ने खूबसूरत रचनाएं सुनायी।

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