न्यूरो की जन्मजात बीमारी से पीड़ित मासूम को दी नई जिंदगी
बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने ढाई साल के बच्चे का ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई। बच्चा जन्मजात टेदर्ड कॉर्ड सिंड्रोम से पीड़ित था। ऑपरेशन के बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो गया है और जल्द ही उसे छुट्टी मिल...
बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने दुर्लभ बीमारी स्पाइनल कॉर्ड से पीड़ित ढाई साल के बच्चे का ऑपरेशन कर जान बचाई है। निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण ने बताया कि बच्चा जन्मजात बीमारी टेदर्ड कॉर्ड सिंड्रोम से पीड़ित था। इसमें स्पाइनल कॉर्ड नीचे सरक जाती है। ऑपरेशन के बाद वह पूरी तरह से स्वस्थ है। काकोरी मोड़ निवासी नसीम ने अपने बेटे ऐश को बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में न्यूरो सर्जन डॉ. विनोद तिवारी को दिखाया था। डॉक्टर ने एमआरआई जांच कराई तो पता चला कि स्पाइनल कॉर्ड में गड़बड़ी है। वह खिसककर नीचे आ चुकी है, जो कि नीचे कूल्हे की हड्डी से अंदर चिपक गई थी। डॉ. विनोद ने बताया कि इस वजह से बच्चे को खड़े होने, चलने में समस्या थी। आगे उम्र बढ़ने पर दोनों पैरों में फॉलिज की शिकायत शुरू हो जाती।
मुफ्त किया इलाज, निजी में पड़ता दो लाख रुपये
डॉ. विनोद ने बताया कि बच्चे के ऑपरेशन का फैसला किया गया। साथ में डॉ. एएस चंदेल, डॉ. मिर्जा, डॉ. सुमित, सिस्टर निर्मला मिश्रा, उर्मिला सिंह व सीमा शुक्ला, ओटी में गिरीश राजू, ऋषि ने योगदान दिया। ऑपरेशन साढ़े चार घंटे चला। निदेशक डॉ. पवन कुमार, एमएस डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि मरीज का निजी अस्पताल में इलाज कराने पर दो लाख रुपये से अधिक खर्चा आता, लेकिन बलरामपुर में उसका नि:शुल्क इलाज किया गया। मरीज अभी 16 नंबर वार्ड में भर्ती है। वह स्वस्थ है। चलने फिरने लगा है। जल्द ही उसे छुट्टी दे दी जाएगी।
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