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कोलकाता की घटना पर प्रदेशभर में डॉक्टरों ने जताया विरोध

कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना पर प्रदेश के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। कई स्थानों पर डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया और कैंडल मार्च निकाला। प्रयागराज, गोरखपुर...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 12 Aug 2024 04:00 PM
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-कहीं काली पट्टी बांधकर किया काम तो कहीं निकाला कैंडल मार्च -रेजीडेंट डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते कई जगह ओपीडी प्रभावित

-अधिकांश जगह विरोध जताने के साथ ही मरीजों का इलाज भी किया

लखनऊ। विशेष संवाददाता

कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना को लेकर प्रदेश के चिकित्सकों में भी आक्रोश है। प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों ने सोमवार को इसे लेकर अपनी नाराजगी का इजहार भी किया। कई जगह चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर काम किया और विरोध स्वरूप कैंडल मार्च निकाला।

वहीं प्रयागराज, गोरखपुर सहित कई स्थानों पर डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के चलते ओपीडी प्रभावित हुई। हालांकि अधिकांश स्थानों पर विरोध के बावजूद डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज किया। लखनऊ-वाराणसी सहित कई जगह के डॉक्टरों ने मंगलवार से आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं शासन स्तर से भी पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है।

प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के आंदोलन का मिला जुला असर देखने को मिला। बांदा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और स्टाफ ने एक घंटा कार्य बहिष्कार किया। कानपुर में विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। आईएमए के बैनर तले डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने कैंडल मार्च निकाला। उरई में जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते तीन घंटे ओपीडी बाधित रही। झांसी मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर दिखा। 25 ऑपरेशन टालने पड़े। इटावा के सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में डॉक्टरों की हड़ताल से मेडिकल सेवाएं प्रभावित रहीं।

प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल के सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की अगुवाई में 500 से अधिक डॉक्टरों ने कामकाज ठप कर दिया। गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। कुछ विभागों में ओपीडी 12 बजे तक तो कुछ में ओपीडी 2 बजे तक संचालित हुई। बस्ती मेडिकल कॉलेज कैली में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया। सिद्धार्थनगर, महराजगंज, संतकबीरनगर, देवरिया और कुशीनगर जिलों में भी सामान्य दिनों की तरह ओपीडी चली।

वाराणसी में आईएमएस बीएचयू के रेजिडेंट ने देर शाम कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया। रेजिडेंट ने मंगलवार को हड़ताल का ऐलान किया है। मेरठ मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर रहे। डॉक्टरों ने सुबह ओपीडी का बहिष्कार किया। सहारनपुर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया और शाम को कैंडल मार्च निकाला।

शासन ने कहा घटना दुर्भाग्यपूर्ण मगर चिकित्सा कार्य न हो प्रभावित

उधर, शासन भी पूरे घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी प्रधानाचार्यो से जूनियर डॉक्टरों के लगातार संपर्क में रहने को कहा है। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि कानून निश्चित रूप से अपना काम करेगा। वहीं डॉक्टरों से भी चिकित्सा कार्य प्रभावित न होने देने की अपील की है।

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