डीएम का आदेश वापस, अपने हिसाब से चलेंगी फैक्टरियां
प्रदूषण नियंत्रण के लिए औद्योगिक इकाइयों को शिफ्टों में चलाने का आदेश वापस ले लिया गया है। उद्यमियों के साथ बैठक के बाद डीएम ने यह निर्णय लिया। अब उद्यमी अपने अनुसार मानकों का पालन करते हुए प्रदूषण...
प्रदूषण रोकने के लिए औद्योगिक इकाइयों को शिफ्टों व अलग-अलग समय पर चलाने का आदेश वापस हो गया है। औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद डीएम ने इसका आदेश वापस लेने का निर्देश दिया। अब उद्यमी अपने हिसाब से मानकों के अनुसार अपनी फैक्टरियों में प्रदूषण रोकने का उपाय करेंगे। डीएम ने 15 दिन बाद फिर समीक्षा करने की बात कही है। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने रविवार को उद्यमियों के साथ बैठक के बाद स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि अभी यातायात, प्रदूषण तथा निर्माण कार्य आदि से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जाएगा। इसका नियंत्रण नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, यातायात पुलिस को करना होगा। इसके लिए उन्हें निर्देशित कर दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा औद्योगिक इकाइयों को इस सम्बंध में कोई निर्देश नहीं जारी किए गए हैं। डीएम ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषण से सम्बन्धित समीक्षा 15 दिन बाद की जाएगी। जिन औद्योगिक इकाइयों से प्रदूषण होता है, उनके संचालकों को मानकों का पालन करना होगा। अपने स्तर से प्रदूषण नियंत्रण करना होगा।
इससे पहले डीएम ने आठ नवम्बर को बैठक कर फैक्टरियों को शिफ्टों में चलाने का निर्देश दिया था। इसका उद्यमी विरोध कर रहे थे। हालांकि डीएम की बैठक में उद्यमियों ने इस पर कोई आपत्ति नहीं की थी। बाद में उन्होंने डीएम के इस निर्देश पर आपत्ति उठाई थी। अब फिर औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारी डीएम के कैम्प कार्यालय में उनसे मिले। वार्ता हुई, जिसके बाद उद्यमी शांत हुए। डीएम से मिलने वालों में अखिल भारतीय उद्योग संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश गोस्वामी, ताल कटोरा इण्डस्ट्रियल एरिया के अध्यक्ष यूनुस सिद्दीकी, आईआईए के कार्यकारी निदेशक श्रीप्रकाश आचार्य, आईआईएस के सचिव वैभव अग्रवाल तथा लघु उद्योग भारती के उपाध्यक्ष रितेश देशमुख रहे।
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