Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊDeputy CM Orders Suspension of KGMU Resident Doctor for Private Practice After Patient s Death

प्राइवेट प्रैक्टिस का आरोपी रेजिडेंट निलंबित

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर केजीएमयू के ईएनटी विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर रमेश कुमार को प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप में निलंबित कर दिया गया। एक महिला मरीज की ऑपरेशन के बाद मौत के मामले ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 11 Nov 2024 07:58 PM
share Share

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद केजीएमयू ईएनटी विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर पर प्राइवेट प्रैक्टिस का फंदा कस गया है। शासन-प्रशासन में किरकिरी के बाद गठित जांच कमेटी ने रेजिडेंट डॉक्टर को देर शाम निलंबित कर दिया। ये था प्रकरण

लखीमपुर खीरी के महराजनगर निवासी पूनम मौर्य (32) आशा कार्यकर्ता थी। पति सुरेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि पूनम की आवाज में भारीपन आ गया था। उसे सितंबर माह में केजीएमयू के ईएनटी विभाग में रेजिडेंट डॉ. रमेश कुमार को दिखाया। जांच के बाद डॉ. रमेश ने गले में मस्सा होने की बात कहते हुए ऑपरेशन कराने की सलाह दी थी। डॉ. रमेश ने खदरा स्थित केडी अस्पताल में ऑपरेशन करने की बात कही। डॉ. रमेश की सलाह पर मरीज को 25 अक्तूबर को केडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शाम करीब पांच बजे डॉक्टर पूनम को ऑपरेशन के लिए ओटी में ले गए थे। ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ गई थी। आनन-फानन मरीज को केजीएमयू ले गए। जहां मरीज को शताब्दी के वेंटिलेटर यूनिट में भर्ती किया गया था। शनिवार को उसकी मौत हो गई।

मरीज की मौत ने ईएनटी विभाग व वेंटिलेटर के बदइंतजामी की पोल खोल दी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर केजीएमयू प्रशासन ने सीएमएस डॉ. बीके ओझा की अगुवाई में जांच कमेटी गठित की। शाम करीब साढ़े चार बजे कमेटी की बैठक हुई। जिसमें मरीज को नर्सिंग होम ले जाने व प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप में रेजिडेंट डॉ. रमेश कुमार को निलंबित कर दिया गया।

सीनियर का चेहता है रेजिडेंट

रेजिडेंट डॉ. रमेश विभाग के एक सीनियर डॉक्टर का चेहता है। रेजिडेंट डॉक्टर सीनियर के दम पर लंबे समय से प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहा था। कई अस्पतालों में जाकर सेवाएं देने का भी आरोप है। ओपीडी से मरीजों को फुसलाकर नर्सिंग होम ले जाने का धंधा लंबे समय से चल रहा था। रेजिडेंट डॉ. रमेश का बांड करीब तीन महीने पहले ही खत्म हो चुका था। इसके बावजूद सीनियर डॉक्टर ने मिलीभगत कर उसे दोबारा तैनाती दे दी गई।

वेंटिलेटर में खेल भी उजागर

महिला मरीज की मौत के मामले ने केजीएमयू वेंटिलेटर यूनिट व नर्सिंग होम संचालकों की मिलीभगत के खेल को भी उजागर कर दिया है। एक तरफ केजीएमयू में वेंटिलेटर बेड को लेकर मारामारी रहती है। वहीं रेजिडेंट डॉक्टर, नर्सिंग होम संचालक व वेंटिलेटर यूनिट के लोगों में साठगांठ से मरीज को आसानी से बेड मिल रहा है। हालात यह हैं कि वेंटिलेटर या फिर दो बजे के बाद मरीज की भर्ती ट्रॉमा सेंटर से होती है। लेकिन केडी हॉस्पिटल से लाई गई महिला को सीधे वेंटिलेटर यूनिट में भर्ती किया गया। उसके लिए ट्रॉमा की औपचारिकता तक कराने की जरूरत नहीं पड़ी।

वर्जन

केजीएमयू के ईएनटी विभाग के रेजिडेंट डॉ. रमेश कुमार द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस करने के प्रकरण बेहद गंभीर है। महिला मरीज की मौत और प्राइवेट प्रैक्टिस प्रकरण की जांच के आदेश दिए गए हैं। इस प्रकार की घटनाओं से संस्थान, विभाग तथा सरकार की छवि धूमिल होती है। सीएमओ को खदरा स्थित केडी अस्पताल की भूमिका एवं वहां की व्यवस्थाओं को परखने के लिए भी कहा है। एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट प्रेषित करनी है।

ब्रजेश पाठक, डिप्टी सीएम

ईएनटी विभाग के आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है। विस्तृत जांच कराई जा रही है। किसी भी दशा में आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। केजीएमयू के मरीज को प्राइवेट ले जाने के आरोपों की भी जांच कराई जा रही है।

डॉ. केके सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें