चुनाव नतीजों के बाद सैफई घराने का हर शख्स परेशान: ब्रजेश पाठक
Lucknow News - उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर उपचुनाव नतीजों के बाद तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि सपा की हार के बाद अखिलेश की परेशानी साफ है। उन्होंने सपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि...
- उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर किया पलटवार लखनऊ। विशेष संवाददाता
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने उपचुनाव नतीजों के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयानों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि उपचुनाव का परिणाम आने के बाद सपा के पैरों तले जमीन खिसक चुकी है और अखिलेश यादव इस हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। “ सीने में जलन, आंखों में तूफान सा क्यों है, सैफई घराने में हर शख्स परेशान सा क्यों है।”
सपा नेताओं के अत्याचार पर नहीं खुलती अखिलेश की जुबान
रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव के बयानों पर पलटवार करते हुए सपा के शासनकाल और उसकी नीतियों को कठघरे में खड़ा किया। सपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस पार्टी के नेता गुंडई, मवालीपन और अराजकता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कन्नौज, अयोध्या और करहल की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जब सपा के नेता दलित और ओबीसी महिलाओं के साथ अत्याचार करते हैं, तब अखिलेश यादव की जुबान नहीं खुलती है। करहल में एक दलित युवती की हत्या सिर्फ इसलिए करा दी गई क्योंकि उसने कहा था कि वह सपा को नहीं कमल को वोट करेगी। सपा को अपने कुकृत्यों पर प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
झूठे वादों से जनता को भ्रमित करते हैं अखिलेश यादव
उन्होंने आरोप लगाया कि सपा नेताओं का ध्यान केवल माफियागीरी, संपत्तियों पर कब्जा और महिलाओं की इज्जत-आबरू को खतरे में डालने पर रहता है। अखिलेश यादव झूठे वादों से जनता को भ्रमित करते हैं। इन लोगों ने लोकसभा चुनाव झूठ बोलकर जीता था। संविधान खतरे में है बताकर जनता को बरगलाया और महिलाओं को आठ-आठ हजार रुपये देने की बात कही थी। बाद में महिलाओं ने इनके कार्यालयों का घेराव भी किया, जिसे पूरे देश ने देखा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता इन लोगों की असलियत जानती है और उन्हें पूरी तरह नकार चुकी है।
लोकसभा चुनाव में ईवीएम अच्छी थी अब खराब
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी भारत के संविधान की बात करती है। लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमेशा सपा ने हमला किया है, कभी न्यायपालिका पर तो कभी निर्वाचन आयोग पर हमला किया। इनको लोकतंत्र पर भरोसा ही नहीं है। इसी संविधान की व्यवस्था के तहत इनकी पार्टी है। इसी लोकतंत्र में निर्वाचन के माध्यम से सांसद बने है। इसी निर्वाचन आयोग ने लोकसभा का चुनाव कराया था तब ईवीएम अच्छी थी, तब निर्वाचन आयोग बहुत अच्छा काम कर रहा था तब अधिकारियों की तारीफ करते नहीं थकते थे।
मुस्लिम समाज साथ छोड़ दे तो सपा तीन टके की पार्टी
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि लाल टोपी वालों के काले कारनामे प्रदेश की जनता जान चुकी है। सपा मुखिया लिखी हुई स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं। कुंदरकी में मुस्लिम समाज ने सपा का साथ छोड़ा है, भाजपा को वोट दिया है। करहल की जनता भी सपा को चुनकर कराह रही है। इस उपचुनाव में जीत का अंतर कम हुआ अगले चुनाव में यहां भी भाजपा जितेगी। सीसामऊ में भी सपा का वोट घटा है। यादव समाज ने सपा से मुंह मोड़ा है। सपा प्रमुख ने लोकसभा चुनाव में सिर्फ पांच यादवों को टिकट दिया था, वह सभी परिवार के थे। मुस्लिम समाज भी मुंह मोड़ने लगा है। सपा को मुस्लिम समाज छोड़ दे तो यह तीन टके की पार्टी रह जाएगी।
सपा का साथ उनका मूल वोटर ही छोड़ रहा है
अखिलेश की सबसे बड़ी पीड़ा चुनाव हारना तो है ही उससे बड़ी पीड़ा यह है कि इनका मूल वोटर इनसे दूर जा चुका है। पिछड़ा वर्ग हो या दलित समाज सब ने सपा को छोड़ने का काम किया है। मुसलमान को भी यह सिर्फ वोटर समझते हैं। ये कुदरंकी की बात करते हैं, वहां इनके प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। भाजपा को सबसे ज्यादा वोट मिला है। कुंदरकी में गड़बड़ी हुई तो पोस्टल बैलेट एक उदाहरण है। पोस्टल बैलेट में भाजपा प्रत्याशी को 68 वोट मिले है जबकि सपा प्रत्याशी को मात्र 29 वोट मिले है।
आंकड़े बताते हैं कि जिस तरह हमें पोस्टल बैलेट में 70 फीसदी और सपा को 30 फीसदी वोट मिला, वही ट्रेंड ईवीएम में भी चला है। इसका जबाब इनके पास नहीं है। लाल टोपी वालों के काले कारनामें जनता जान चुकी है, अब इन्हें जनता माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता का निर्णय सर्वोपरि होता है। सपा प्रमुख वातानुकूलित कमरों में बैठकर राजनीति करते हैं। अल्पसंख्यकों के वोट के सहारे सत्ता में आने वाली समाजवादी पार्टी और उसके मुख्यिा अखिलेश यादव क्या कभी किसी अल्पसंख्यक को मुख्यमंत्री बनाएंगे? सपा केवल वोट लेकर ठगने का काम करती है, लोगों को गुमराह करने का काम करती है।
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