डेंगू के बाद मरीज को जोड़ों का दर्द जकड़ रहा
डेंगू से उबर चुके मरीजों को जोड़ों में दर्द की समस्या हो रही है, जो कि 20 से 30 दिन बाद भी जारी है। मरीजों ने चिकनगुनिया की जांच कराई थी, जो नेगेटिव आई थी। अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना 20 से 25 मरीज...
-इलाज के बाद 20 से 30 दिन बाद भी दर्द से राहत नहीं -रोजमर्रा के काम तक करने में आ रही अड़चन
-अस्पतालों की ओपीडी में जोड़ों में दर्द की शिकायत लेकर आ रहे मरीज
लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता।
डेंगू को हरा चुके मरीजों को जोड़ों का दर्द सता रहा है। खास बात यह है कि डेंगू के वक्त मरीजों ने चिकनगुनिया की भी जांच कराई थी। चिकनगुनिया की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। अब डेंगू से उबर चुके मरीज जोड़ों के दर्द की चपेट में आ गए हैं। मरीजों का चलना-फिरना दूभर हो गया है।
बलरामपुर, सिविल, लोहिया, केजीएमयू व लोकबंधु समेत दूसरे अस्पतालों की ओपीडी में जोड़ों में दर्द की शिकायत लेकर प्रतिदिन 20 से 25 मरीज आ रहे हैं। ज्यादातर मरीज 20 से 30 दिन पहले डेंगू की पुष्टि हुई थी। ज्यादातर मरीज एक सप्ताह बाद ठीक हो गए थे। डेंगू बुखार से उबरे मरीजों को जोड़ों के दर्द ने चपेट में ले लिया।
केजीएमयू मेडिसिन विभाग के डॉ. केके सावलानी ने बताया कि कई बार वायरल के बाद मरीजों को जोड़ों में दर्द होता है। चिकित्सा विज्ञान में इसे रिएक्टिव आर्थराइटिस कहते हैं। यह कुछ समय तक हो सकता है। मरीज की तबीयत के हिसाब से दवाएं दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि कई बार मरीज बुखार आने के बाद डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया की जांच करा लेते हैं। जांच में डेंगू व मलेरिया की पुष्टि होती हैं लेकिन चिकनगुनिया की रिपोर्ट नेगेटिव आती है। यदि मरीज बुखार आने के छह दिन के भीतर चिकनगुनिया की जांच कराता है तो ज्यादातर मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आ सकती है। इसलिए बुखार आने के कम से कम छह से सात दिन बाद ही चिकनगुनिया की जांच करानी चाहिए। ओपीडी में डेंगू बुखार से उबरे मरीज जो जोड़ों में दर्द की शिकायत लेकर आ रहे हैं उन्हें तय समय पर जांच कराने की सलाह दी जा रही है।
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