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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊCyber Fraud Retired Professor Extorted 54 Lakh Rupees by Impersonating Delhi Police Officer

ड्रग तस्करी में जेल भेजने की धमकी देकर रिटायर्ड प्रोफेसर को किया डिजिटल अरेस्ट, ठगे 54.61 लाख

लखनऊ में साइबर जालसाजों ने एक रिटायर्ड प्रोफेसर को धमकी देकर 54 लाख 61 हजार रुपये ठग लिए। जालसाजों ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर ड्रग तस्करी के मामले में जेल भेजने की चेतावनी दी। पीड़िता की...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 19 Sep 2024 02:49 PM
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- जालसाजों ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर रिटायर्ड प्रोफेसर को जेल भेजने की दी थी धमकी लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता : साइबर जालसाजों ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर जालसाजों ने एक रिटायर्ड प्रोफेसर को ड्रग तस्करी के मामले में जेल भेजने की धमकी दी। उन्हें दो दिन तक घर में डिजिटल अरेस्ट करके रखा और 54 लाख 61 हजार रुपये ठग लिए। यह रुपये जालसाजों ने अपने कई खातों में ट्रांसफर कराए।

पीड़िता की तहरीर पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना के बाद से महिला सदमे में हैं। पीड़िता शहर के उत्तरी जोन के एक इलाके में रहती हैं। वह गैर जनपद से रिटायर्ड प्रोफेसर हैं। उन्होंने अपनी तहरीर मेंps लिखा 12 सितंबर को उनके पास एक नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि वह दिल्ली के नेहरा पुलिस स्टेशन से बोल रहा है। धमकाते हुए रिटायर्ड प्रोफेसर से कहा कि आपके आधार कार्ड से एचडीएफसी बैंक में एक खाता खोला गया है। खाते में मिलियन डालर डाला गया है। खाते से मनी लंडरिंग हो रही है। उसकी आधार कार्ड के जरिए एक सिम कार्ड लिया गया है। वह नंबर से ड्रग सप्लाई में प्रयोग किया जा रहा है। आधार कार्ड और सिम नंबर के आधार पर आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके बाद उसने बड़े अधिकारी से बात करने की बात कहते हुए फोन किसी और को ट्रांसफर कर दिया। खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताने वाले दूसरे व्यक्ति ने कहा कि बयान दर्ज कराने के थाने आना होगा। मना करने पर ड्रग तस्करी और मनी लांड्रिंग के मामले में जेल भेजने की धमकी दी। उसने कहा कि एक संदीप कुमार नाम का तस्कर गिरफ्तार किया गया है। उसके संपर्क आपसे हैं। धमकाते हुए उसने पूछा कि जबतक जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है तबतक आप किसी से मोबाइल फोन पर बात नहीं करेंगी। सभी मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगे हैं। बात करेंगी तो दिल्ली पुलिस टीम को पता चल जाएगा और आपकी तत्काल गिरफ्तारी की जाएगी। पुलिस अधिकारी ने सभी बैंक खातों और एफडी की डिटेल मांगी। इसके बाद कहा कि बताए जा रहे बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर करिए। जांच पूरी होने के बाद आपके खाते में रुपये वापस भेज दिए जाएंगे। पीड़िता ने बताया कि इसके बाद उसके कहने के अनुसार कई खातो में 54 लाख 61 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। 14 सितंबर को मुंबई से एक नंबर से फिर फोन आया। उसने बताया कि आपके साथ साइबर फ्राड हो गया है। तत्काल पुलिस में शिकायत करें। इसके बाद साइबर थाने पहुंचकर मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव ने बताया कि जिन खातों में रुपये ट्रांसफर हुए हैं उनकी डिटेल जुटाई जा रही है।

डिजिटल अरेस्ट मतलब कुछ नहीं :

एसीपी साइबर क्राइम अभिनव ने बताया कि दुनियां में डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। साइबर जालसाजों ने कुछ समय से ठगी का तरीका बदल दिया है। इस लिए हमें सबसे अधिक सावधान रहने की जरूरत है, तभी हम ठगी से बच सकते हैं। लोगों के विशेष रूप से इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

- दुनियां में डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नहीं होती है।

- पुलिस कभी वाट्सएप, फेसबुक मैसेंजर, टेलीग्राम पर वीडियो काल करके अरेस्ट नहीं करती है।

- पुलिस जब भी किसी को फोन काल करती है मैनुअल करती है।

- अनजान नंबर से वीडियो अथवा वाट्सएप काल कतई रिसीव न करें।

ऐसे पहचाने इन जालसाजों के नंबर :

- ऐसे जालसाज हमेशा वीडियो काल अथवा वाट्सएप काल करते हैं।

- इनके नंबर पाकिस्तान, अफानिस्तान, दुबई विदेशी नंबर जैसे होते हैं।

- इसके अलावा इंटरनेट कालिंग के नंबर होते हैं।

साइबर ठगी होने पर यहां दर्ज कराएं शिकायत :

यूपी : 112

केंद्र सरकार द्वारा जारी नंबर : 1930

साइबर क्राइम सेल लखनऊ : 9454457953

वेबसाइट : www.cybercrime.gov.in

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तीन करोड़ जीतने का लालच देकर ठगे 13 हजार से अधिक :

निगोहां, संवाददाता : भद्दी शिर्ष गांव में रहने वाले अनुराग को साइबर जालसाजों ने ड्रीम आईपीएल मैच में टास्क पूरा करने का झांसा देकर तीन करोड़ रुपये जीतने का प्रलोभन दिया। इसके बाद उससे 13,849 रुपये ठग लिए। ठगी की जानकारी होने पर पीड़ित ने निगोहां थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

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