अचानक कार्डियक अरेस्ट में हर मिनट घटती है बचने की संभावना
-योजना भवन में सीपीआर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन लखनऊ। विशेष संवाददाता
-योजना भवन में सीपीआर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन लखनऊ। विशेष संवाददाता
अचानक कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर समस्या है। इसके कारण देश में हर साल सात लाख लोगों की मौत हो जाती है। समय से उपचार मिलने पर ऐसे लोगों को बचाया जा सकता है। यह बातें गुरुवार को योजना भवन में आयोजित जागरूकता कार्यशाला में एसजीपीजीआई के हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आदित्य कपूर ने कहीं। कार्यशाला की पहल योजना एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार के नेतृत्व में की गई।
प्रोफेसर कपूर ने बताया कि अचानक कार्डियक अरेस्ट (एससीए) पीड़ितों की जान बचाई जा सकती है, लेकिन लगभग 95 फीसदी मामलों में जागरूकता की कमी के कारण उन्हें समय पर सहायता नहीं मिल पाती। हर 1 मिनट की देरी से पीड़ित के बचने की संभावना 10 फीसदी कम हो जाती है। यदि आम जनता को सीपीआर (कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन) तकनीक की जानकारी हो तो वे तुरंत मदद कर सकते हैं और जानें बचाई जा सकती हैं। कार्यशाला में लोगों को सिखाया गया कि कैसे अचानक कार्डियक अरेस्ट की पहचान की जाए। सीपीआर की सरल तकनीकों का सही तरीके से उपयोग किया जाए और ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (एईडी) जैसे जीवनरक्षक उपकरण का उपयोग कैसे किया जाए।
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