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मुख्तार गैंग के सरफराज की जमानत अर्जी खारिज

Lucknow News - घटना के 21 साल बाद गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुई थी रिपोर्ट लखनऊ, मुख्तार गैंग के सरफराज की जमानत अर्जी खारिज

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊWed, 29 Jan 2025 09:19 PM
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मुख्तार गैंग के सरफराज की जमानत अर्जी खारिज

ठेकेदार मनोज राय हत्याकांड में बुधवार को मुख्तार अंसारी गैंग के सक्रिय सदस्य आरोपी सरफराज अंसारी उर्फ मुन्नी की जमानत अर्जी एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने खारिज कर दी। मुख्तार अंसारी के डर से मनोज राय हत्याकांड की रिपोर्ट घटना के 21 साल बाद जनपद गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज कराई गई थी। विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला एवं एडीजीसी ज्वाला प्रसाद शर्मा ने कोर्ट को बताया कि मनोज कुमार राय की हत्या 15 जुलाई 2001 को जनपद गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के इशारे पर उनके गैंग के सदस्यों ने कर दी थी। उस समय मुख्तार अंसारी विधायक थे तथा उनका दबदबा इतना अधिक था कि उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की किसी की हिम्मत नहीं थी। इस मामले की रिपोर्ट मृतक मनोज कुमार राय के पिता शैलेंद्र कुमार राय ने 20 जनवरी 2023 को मोहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, उनके ड्राइवर सुरेंद्र शर्मा, शाहिद ,गौस मोइनुद्दीन एवं कमाल के खिलाफ दर्ज कराई थी।

मुख्तार के साथ ठेकेदारी करते थे मनोज

रिपोर्ट में कहा गया है कि मनोज कुमार राय उस समय मुख्तार अंसारी के साथ ठेकेदारी करते थे। मनोज ने कुछ टेंडर अपने मन से भर दिए थे। जिससे मुख्तार अंसारी बहुत अधिक नाराज था तथा अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। इसके बाद मनोज राय ने मुख्तार अंसारी से क्षमा मांग ली थी तथा भविष्य में ऐसी गलती न करने का वादा किया था। मुख्तार अंसारी ने उस समय उसे माफ कर दिया था लेकिन अंदर ही अंदर मनोज राय को खत्म कर देने की योजना बना रहा था।

उसरी चट्टीकांड में फर्जी कहानी प्रचारित की

अदालत को बताया गया कि 14 जुलाई 2001 की शाम को चार लोग कार से मुख्तार अंसारी के ड्राइवर सुरेंद्र शर्मा के साथ घर आए तथा मनोज को अपने साथ लेकर चले गए। इसके बाद 15 जुलाई को शैलेंद्र कुमार राय को सूचना पहुंचा दी कि उसके बेटे की हत्या कर दी गई है। अदालत को बताया गया कि पुत्र के मारे जाने की सूचना के बावजूद डर की वजह से उन्होंने अपना मुंह बंद रखा तथा घटना की रिपोर्ट नहीं लिखाई। इस बीच मुख्तार अंसारी ने उसरी चट्टी कांड में झूठा हमलावर दिखाकर फर्जी कहानी बताते हुए उसके मारे जाने की खबर अखबारों में छपवा दी।

गाजीपुर से लखनऊ ट्रांसफर हुआ था मुकदमा

जमानत के विरोध में कहा गया है कि आरोपियों द्वारा मनोज राय की जघन्य तरीके से हत्या कर दी गई है, जिसकी वजह से उसे जमानत पर छोड़े जाने का औचित्य नहीं है। यद्यपि यह मामला जनपद गाजीपुर से संबंधित था तथा गाजीपुर की एमपी एमएलए अदालत द्वारा आरोपी की जमानत खारिज होने के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी लंबित थी। इसी बीच जनपद गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट से इस मामले को लखनऊ के एमपी एमएलए कोर्ट को स्थानांतरित कर दिया गया। जिसके बाद इस मामले की सुनवाई लखनऊ कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।

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