औद्योगिक घरानों से वसूला जाए सबस्टेशन-लाइनों के 837 करोड़
उपभोक्ता परिषद ने लखनऊ में कहा कि औद्योगिक घरानों के लिए बनने वाले सबस्टेशनों का खर्च जनता क्यों उठाए। टाटा पावर ने इंटर स्टेट ट्रांसमिशन लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, लेकिन परिषद ने शर्त रखी कि 837...
-उपभोक्ता परिषद ने कहा उद्योगपतियों के लिए बनने वाले सबस्टेशनों का खर्च जनता क्यों दे लखनऊ। विशेष संवाददाता
टाटा पावर की जलपुरा खुर्जा पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड ने इंटर स्टेट ट्रांसमिशन लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। शुक्रवार को इस मामले में राज्य विद्युत नियामक आयोग में आमजन सुनवाई थी। टाटा पावर के अधिवक्ता ने जरूरी शर्तें पूरी करने की बात कहते हुए लाइसेंस देने की स्वीकृति का अनुरोध किया।
वहीं राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि कंपनी को लाइसेंस की अनुमति सशर्त दी जाए। शर्त यह हो कि बनने वाले सब-स्टेशनों और लाइनों पर खर्च होने वाले 837 करोड़ रुपये की धनराशि की वसूली उन औद्योगिक घरानों से हो, जिनके प्रोजेक्टों को इन बिजलीघरों से विद्युत सप्लाई की जाएगी।
टैरिफ बेस कॉम्पिटेटिव बिडिंग के तहत टाटा पावर की जलपुरा खुर्जा पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड द्वारा बनाये जा रहे 400/220 केवी 500 एमबीए जीआईएस जेवर की दो इकाइयों मेट्रो डिपो एवं जलपुरा ग्रेटर नोएडा उपकेद्रों व संबंधित लाइनों के निर्माण पर कुल लागत लगभग 837 करोड़ आएगी। इस कार्य को कराने को लेकर विद्युत नियामक आयोग में दाखिल इंटर स्टेट ट्रांसमिशन लाइसेंस के मुद्दे पर शुक्रवार को सार्वजनिक सुनवाई विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह की उपस्थिति में हुई। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी विद्युत उपभोक्ता 2 किलोवाट की अपनी लाइन का खर्च भी खुद उठाता है। ऐसे में चुनिंदा उद्योगपतियों के लिए बनाए जा रहे सबस्टेशन और लाइन का खर्च भला उपभोक्ता अगले 35 सालों तक क्यों वहन करेंगे।
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