भूखंड ही नहीं, एक लाख 10 हजार रुपये हर्जाना भी दे यीडा : आयोग
Lucknow News - राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने यमुना एक्सप्रेसवे इंडिस्ट्रयल डेवलपमेन्ट अथॉरिटी के खिलाफ निर्णय दिया है। आयोग ने उपभोक्ता के भूखंड आवंटन को निरस्त करने के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग के निर्णय...
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने यमुना एक्सप्रेसवे इंडिस्ट्रयल डेवलपमेन्ट अथॉरिटी के खिलाफ सख्त निर्णय दिया है। जिला उपभोक्ता आयोग के आदेश को सही ठहराया। कहा कि उपभोक्ता के भूखंड आवंटन को निरस्त कर सेवा में कमी की गई है। जिला फोरम से पारित निर्णय पूरी तरह विधिक और तथ्यों पर आधारित है। इसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसे में अब यीडा को जिला उपभोक्ता फोरम का आदेश मानना होगा। उसमें कहा गया था निर्णय के 45 दिनों में यीडा उपभोक्ता को 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का आवासीय भूखण्ड का प्रस्ताव भेजे। यह किसी अन्य योजना, पूर्व संचालित योजना में पूर्व कथित निर्धारित दरों पर आवंटन करे। उपभोक्ता 60 दिन में आवंटित आवासीय भूखण्ड के मूल्य का नियमानुसार भुगतान करे। इसके अतिरिक्त प्रतिपक्षी यीडा परिवादी को मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए एक लाख रुपये और मुकदमे का खर्च 10 हजार रुपये दे। यदि निर्णय के 45 दिनों में यीडा भुगतान नहीं करता है तो सात फीसदी वार्षिक ब्याज भी देना होगा। राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार ने आगरा निवासी सुमित उपाध्याय बनाम चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर यीडा के मामले में यह निर्णय दिया है। उपभोक्ता के पक्ष में जिला फोरम की ओर से दिए गए निर्णय के खिलाफ यीडा ने राज्य स्तर पर अपील की थी। इसे आयोग अध्यक्ष ने खारिज कर दिया।
आवंटन निरस्त कर दिया था अथॉरिटी ने
उपभोक्ता के अनुसार वर्ष 2021 में उसने यीडा की योजना में आवेदन किया था। उसमें उसे भूखंड आवंटित कर दिया गया लेकिन इसकी सूचना नहीं दी गई। उसी बीच कोविड फैल गया और उपभोक्ता उसकी चपेट में आ गया। जानकारी के अभाव में उसने आवंटन निरस्त करने का प्रार्थनापत्र दिया था जिसे अथॉरिटी ने बिना देरी स्वीकार कर लिया। उपभोक्ता का कहना था कि योजना में 16 लाख 55 हजार रुपये जमा किए थे। उसे उसका भूखंड मिल जाए, वह शेष धनराशि अदा कर देगा।
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