बोले लखनऊ: केसरीखेड़ा आरओबी पर ब्रेक, जूझ रही पांच लाख आबादी
- Lucknow News - कानपुर रोड स्थित कृष्णानगर मेट्रो स्टेशन से करीब दो किलोमीटर अंदर इंद्रलोक कॉलोनी से केसरीखेड़ा के बीच रेलवे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन आरओबी भूमि अधिग्रहण न होने से फंस गया है। इससे रेलवे क्रॉसिंग से सटी महाराजापुरम, पंडितखेड़ा, गंगाखेड़ा सहित आसपास की लगभग पांच लाख आबादी भीषण ट्रैफिक जाम से जूझती है।
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कानपुर रोड स्थित कृष्णानगर मेट्रो स्टेशन से करीब दो किलोमीटर अंदर इंद्रलोक कॉलोनी से केसरीखेड़ा के बीच रेलवे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन आरओबी भूमि अधिग्रहण न होने से फंस गया है। इससे रेलवे क्रॉसिंग से सटी महाराजापुरम, पंडितखेड़ा, गंगाखेड़ा सहित आसपास की लगभग पांच लाख आबादी भीषण ट्रैफिक जाम से जूझती है। पीक आवर्स में स्कूली बच्चें, नौकरीपेशा जाने वालों को काफी दिक्कत होती है। इससे परेशान लोगों ने सेतु निगम से निर्माणकार्य जल्द पूरा करने की मांग की। साथ ही रेलवे क्रॉसिंग से सटी कॉलोनीवासियों के सुगम आवागमन के लिए रेलवे अंडरपास निर्माण और पंडितखेड़ा की तरफ क्लोवर लीफ निर्माण की मांग की। क्षेत्रीय लोगों ने विधायक से लेकर सांसद तक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सिवाएं आश्वासन के कुछ नहीं मिला।
लखनऊ-कानपुर रेल सेक्शन पर कृष्णानगर-केसरीखेड़ा क्रॉसिंग पर रोज 60-62 बार रेलवे फाटक बंद होता है। इससे वाहन चालकों को 15-20 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है। स्थानीय लोगों की मांग पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य सरकार और रेलवे को ओवरब्रिज निर्माण के लिए पत्र लिखा, जिसके बाद सेतु निगम, रेलवे और पीडब्ल्यूडी की संयुक्त टीम ने सर्वे किया और 973.56 मीटर लंबा दो लेन ओवरब्रिज निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया। शासन स्तर से 08 जुलाई 2023 को 74.48 करोड़ रुपये की मंजूरी भी मिल गई। इसके बाद सेतु निगम ने रक्षा मंत्री से 17 जुलाई 2023 को केसरीखेड़ा ओवरब्रिज का शिलान्यास कराया और फरवरी 2024 से निर्माणकार्य शुरू किया गया। करीब 75 प्रतिशत काम पूरा भी हो गया, लेकिन निर्माणक्षेत्र की जद में आ रहे आठ लोगों के घर व दुकानें आ रही है। भूमि अधिग्रहण से पहले उन लोगों को मुआवजा नहीं मिला। नतीजतन सवा दो महीने से निर्माणकार्य ठप है। इससे करीब पांच लाख आबादी को लगभग दो किलोमीटर लंबा चक्कर लगाकर अपने गंतव्य को जाना पड़ रहा है। महाराजापुरम, बालकृष्ण नगर, पंडितखेड़ा, केसरीखेड़ा, गंगाखेड़ा, लक्ष्मी विहार, भवानीपुरम, गणेशनगर सहित आसपास की कॉलोनी के लोगों ने जल्द ओवरब्रिज निर्माण की मांग की। साथ ही रेलवे क्रॉसिंग न बंद करने की मांग की। क्योंकि इससे लोगों को करीब आधा किलोमीटर लंबा चक्कर लगाकर जाना पड़ेगा।
रेलवे क्रॉसिंग के पास अंडरपास निर्माण कराया जाए
महराजापुरम के मनोज कुमार विश्वकर्मा, राजबहादुर सिंह, शिवकला देवी ने बताया कि रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण जल्द शुरू हो। ओवरब्रिज बन जाने एवं रेलवे क्रॉसिंग बंद होने से कॉलोनीवासियों को आने-जाने में काफी दिक्कत होगी। ऐसे में रेलवे क्रॉसिंग बंद न की जाए। या फिर क्रॉसिंग के पास अंडरपास निर्माण कराया जाए, जिससे लोगों को कृष्णानगर, इंद्रलोक कॉलोनी सहित कानपुर रोड जाने में राहत मिलेगी। स्थानीय लोगों का तर्क है कि निशातगंज, डालीगंज सहित शहर में अधिकांश रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बना है। इसके बावजूद रेलवे क्रॉसिंग बंद नहीं की गई है। स्थानीय निवासी मानवेन्द्र पांडेय ने बताया कि कैंट विधायक एवं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को भी पत्र लिखा गया है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है।
पंडितखेड़ा की तरफ क्लोवर लीफ बनाया जाए
केसरीखेड़ा ओवरब्रिज का निर्माण इंद्रलोक कॉलोनी यातायात पार्क से शुरू होकर केसरीखेड़ा पेट्रोप पंप तक बना है। इससे पंडितखेड़ा, शुभम सिटी, गोल्ड सिटी, जयपुरिया कॉलेज, टीएस मिश्रा अस्पताल, एलडीए मोहान रोड जाने वाले लोगों को काफी दिक्कत होगी। पंडितखेड़ा समग्र विकास समिति के अध्यक्ष विनीत मिश्रा ने बताया कि पंडितखेड़ा की तरफ क्लोवर लीफ बनाया जाए। स्थानीय निवासी अमित सिंह, प्रदीप राजपाल, आशीष पांडेय, अजय शुक्ला, उमेन्द्र पाठक, विपिन विश्वकर्मा, अशोक यादव, कौशलेन्द्र मिश्रा, अनुपम शर्मा, मंजीत सिंह, एसएन तिवारी, एसके सिंह, अजय सिंह ने बताया कि क्लोवर लीफ को लेकर जल्द रक्षामंत्री, मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी।
आठ लोगों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला
सेतु निगम ने ओवरब्रिज का निर्माण शुरू कर दिया, लेकिन पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग द्वारा भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई नहीं की गई। सेतु निगम अधिकारियों के मुताबिक आठ लोगों को मुआवजा देना है, जिनके भवन व जमीन निर्माण के कारण प्रभावित होगा, लेकिन अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है। यही नहीं, आरओबी से सटाकर एक स्थानीय निवासी लगातार मकान बनवा रहे हैं, उसमें नीचे दुकानें बनी हैं और ऊपर दो तल बना हुआ है।
पीक आवर्स में ट्रैफिक जाम, रेलवे फाटक बंद करना मुश्किल
केसरीखेड़ा रेलवे क्रॉसिंग पर पीक आवर्स में भीषण जाम हो जाता है। इससे कई बार ट्रेन गुजारने के लिए रेलवे फाटक बंद नहीं हो पाता है। कई बार कानपुर की तरफ से आने वाली ट्रेन आउटर पर 20-25 मिनट तक खड़ी रहती है। जिसके बार स्थानीय पुलिस और आरपीएफ के जवानों को ट्रैफिक जाम खुलवाना पड़ता है।
रेलवे के हिस्से का काम भी सेतु निगम कराएगा
रेलवे ट्रैक का हिस्सा अमूमन रेलवे ही बनवाता है। यहां सेतु निगम इस काम को करवाएगा। क्योंकि रेलवे ने सेतु निगम को यह जिम्मेदारी दे दी है। सेतु निगम ने इसके टेंडर भी निकाल दिए हैं और आगामी माह में इस काम को शुरू करना है। सवाल खड़ा होता है कि अगर मुआवजे का निर्धारण नहीं होता है तो आरओबी का काम लंबित होगा और उसकी लागत बढ़ेगी और सेतु निगम का लाभ कम होना तय है।
लेबर अड्डा के कारण रोज लगता है जाम
रेलवे क्रॉसिंग के पास रोज सुबह लेबर अड्डा लगता है। इससे रास्ता संकरा हो जाता है। इससे वाहन चालकों को काफी दिक्कत होती है। स्थानीय लोगों ने स्थानीय पुलिस से कई बार लेबर अड्डा शिफ्ट करने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
-जाम में फंसे, हो गई स्थानीय निवासी की मौत
मनोज कुमार विश्वकर्मा, मानवेन्द्र पाण्डेय समेत अन्य महाराजापुरम के अन्य निवासी रेलवे क्रांसिंग पर लगने वाले जाम से झुब्ध हैं। इन निवासियों ने बताया कि जाम किस हद तक परेशान करता है इस बात का अंदाजा इसी से लगा लीजिए कि कुछ दिन पहले ये जाम ही हमारे मोहल्ले के एक निवासी की मौत की वजह बना। निवासियों ने बताया कि कुछ दिन में यहीं के एक निवासी को हार्ट अटैक पड़ा। तत्काल अस्पताल के लिए हम लोग निकले लेकिन क्रासिंग पर भीषण जाम लगा होने की वजह से काफी देर पीड़ित लोग जाम में फंसे रहे। अन्तत:उनका निधन हो गया।
समस्याएं
स्ट्रीट लाइट लगना जरूरी
महाराजापुरम के लोगों ने बताया कि हम लोग मूलभूत सुविधाओं के आभाव में जी रहे हैं। हजारों लोग यहां रहते हैं लेकिन एक स्ट्रीट लाइट तक नहीं लगी है। जिस कारण महिला, बुजुर्ग डर के साए में शाम को बाहर निकलते हैं। अंधेरा होने की वजह से कोई भी घटना घट सकती है। स्ट्रीट लाइट के लिए कई बार शिकायत भी की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शाम ढलते ही यहां के स्थानीय लोग अंधेरे में जीने को मजबूर हो जाते हैं।
बीमारी के मुहाने पर रह रहे निवासी
महाराजापुरम केसरीखेड़ा में निकासी नहीं होने की वजह से सीवर का गंदा पानी एकत्रित हो रहा है। स्थानीय लोगों में जल निकासी नही होने का आक्रोश है। प्रेम सुन्दरी शुक्ला, गीता मिश्रा, उर्मिला विश्वकर्मा व अन्य महिलाओं ने बताया कि सिर्फ नाले का नाम है लेकिन नाले का आगे कोई जुड़ाव नही हैं इसलिए पूरे मोहल्ले का गंदा पानी 100 मीटर आगे पड़ी खाली जमीन पर एकत्रित हो रहा है। जो बीमारियों को न्योता दे रही है। बारिश के मौसम में हालात और खराब हो जाते हैं। जहां नाले का पानी एकत्रित हो रहा है वहां डेढ़ सौ मीटर दूरी पर दूसरा नाला बहता है, हमारे क्षेत्र से गुजरने वाले नाले को उस नाले में जोड़कर समस्या का समाधान किया जा सकता है, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जाता है।
इंफो- केसरीखेड़ा ओवरब्रिज
लेन 02
लंबाई 973.56 मीटर
लागत 74.48 करोड़
लक्ष्य दिसम्बर 2025
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केसरीखेड़ा ओवरब्रिज बनने से यह फायदा
- निर्माण पूरा होने पर कानपुर रोड व हरदोई रोड आना-जाना आसान होगा
- ओवरब्रिज से नादरगंज, अमौसी व तालकटोरा के लोगों को लाभ मिलेगा
प्रमुख समस्या
- ओवरब्रिज का निर्माण धीमी गति के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या
- रेलवे क्रॉसिंग के पास लेबर अड्डा होने से रास्ता संकरा हो जाता है
- निर्माणकार्य के कारण रास्ता उबड़-खाबड़ हो गया है
- चारो तरफ सरिया, गिट्टी, बजरी और बालू फैली रहती है
प्रमुख सुझाव
- केसरीखेड़ा ओवरब्रिज का निर्माण जल्द पूरा किया जाए
- रेलवे क्रॉसिंग के पास अंडरपास का निर्माण किया जाए
- पंडितखेड़ा की तरफ क्लोवर लीफ बनाया जाए
- निर्माणक्षेत्र से लेबर अड्डा शिफ्ट किया जाए
- निर्माण सामग्री को ढककर रखा जाए, जिससे लोगों को दिक्कत न हो
वर्जन
केसरीखेड़ा ओवरब्रिज पर करीब 75 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। रेलवे क्रॉसिंग के पास आठ लोगों के घर व जमीन आ रही है। संबंधित विभाग मुआवजे के लिए सर्वे कर रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द समाधान हो जाएगा।
केके श्रीवास्तव
मुख्य परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम
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लोगों की बातचीत
रेलवे ओवरब्रिज केसरीखेड़ा पेट्रोल पंप की तरफ उतर रहा है। इससे पंडितखंडा, शुभम सिटी, गोल्ड सिटी के लोगों को काफी दिक्कत होगी। ऐसे में पंडितखेड़ा की तरफ एक क्लोवर लीफ बनाया जाए, जिससे कॉलोनीवासियों को राहत मिलेगी।
विनीत मिश्रा, अध्यक्ष, पंडितखेड़ा समग्र विकास समिति
नए बन रहे पुल से यदि रेलवे क्रांसिंग बंद हो जाती है, तो हम सब लोग यहां कैद हो जाएंगे। एक तरफ से दूसरी तरफ सब कुछ बंद हो जाएगा। बीमार अस्तपाल नहीं जा पाएंगे और बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल होगा।
राज नारायण
केसरीखेड़ा ओवरब्रिज का काम रेलवे क्रॉसिंग पर रूका हुआ है। इससे रोज जाम से जूझना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि पुल का निर्माण जल्द किया जाए। वहीं पंडितखेड़ा की तरफ क्लोवर लीफ नहीं बना तो आने वाले दिनों में काफी दिक्कत होगी। मैं स्वयं डिप्टी सीएम, सांसद से मुलाकात करके क्लोवर लीफ निर्माण की मांग करूंगा।
कौशलेन्द्र मिश्रा
रेलवे क्रासिंग पर लगने वाला जाम जान लेवा है, कुछ दिन पूर्व ही मोहल्ले को एक व्यक्ति को हार्ट अटैक हुआ, जाम की वजह से समय से अस्पताल नहीं पंहुचाया जा सका और मृत्यु हो गई।
मनोज कुमार विश्वकर्मा
रेलवे को पुल निर्माण के दौरान क्रांसिंग नहीं बंद करनी चाहिए। यदि क्रांसिंग बंद होती है तो वैकल्पिक व्यवस्था की जानी है। महाराजपुरम के साथ ही यहां से जुड़े अन्य मोहल्लों के लोग कैद होकर रह जाएंगे।
राम सरन सिंह
रेलवे क्रासिंग पर बेतरतीब जाम लगता है। खास कर सुबह और शाम लगने वाला जाम कभी ऑफिस में देर से पंहुचने का कारण बनता है तो कभी बच्चों को स्कूल देर से पंहुचना पड़ता है।
प्रेम विश्वकर्मा
इस रेलवे क्रासिंग से दिन भर में कई ट्रेने गुजरती है। एक बार ट्रेन गुजरने पर फाटक 10 से पन्द्रह मिनट बंद रहता है और जाम कई घंटे तक लग जाता है। इस समस्या से निजात मिलना चाहिए।
केपी मिश्रा
केसरीखेड़ा ओवरब्रिज का निर्माण एक साल से हो रहा है, लेकिन अभी भी काफी काम बाकी है। ऐसे में रेलवे क्रॉसिंग पर सुबह-शाम भीषण ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ता है। सेतु निगम को जल्द से जल्द निर्माणकार्य पूरा हो।
आशीष पांडेय, पंडितखेड़ा
ब्रिज निर्माण करने वालों को सबसे पहले आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए। अण्डरपास दिया जा सकता है। इससे समस्या का निदान हो सकता है।
राम निवास मीना
क्रांसिंग पर लगने वाला जाम और नजदीक ही बना शराब ठेका परेशान करने वाला है। जबकि बगल में स्कूल हैं जहां लड़कियां भी पढ़ती है। सरकार को लड़कियों की सुरक्षा को देखते हुए शराब ठेका हटवाना चाहिए।
आरती शुक्ला
क्रासिंग पर लगने वाला भीषण जाम हम लोगों के लिए सजा के जैसा है। बच्चों को स्कूल से लाना हो, सब्जी लाना हो यहीं से गुजरना पड़ता है। एक जाम और दूसरा क्रासिंग बंद होने डर परेशान करता है।
आशा तिवारी
रेलवे क्रासिंग बन्द होने पर यदि स्थानीय लोगों को आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं मिलती है तो आन्दोलन करने पर बाध्य होंगे। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
रवि कांत शुक्ला
मेरी प्रमुख रूप से तीन मांग है शराब ठेका हटवाया जाए, रेलवे क्रासिंग बंद होने पर वैकल्पिक व्यवस्था और जाम की समस्या का निदान ये समरस्या हल हुई तो हमारा जीवन आसान हो जाएगा।
जितेंद्र सिंह
सड़क, जाम, शराब ठेका, लेबर अण्डा हमारे क्षेत्र के लिए नासुर बन गया है। लगता है कि हम लोग नरक में जीने को मजबूर है। ऐसा नहीं है कि प्रशासन को दिखता है नहीं लेकिन कोई कदम नहीं उठाया जाता है।
राज बहादुर सिंह
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प्रस्तुति: सुमित गुप्ता, जावेद मुस्तफा- फोटो रीतेश
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