सरकार की पहल पर फिर से बैकिंग लेनदेन से जुड़ीं 35 हजार बीसी सखियां
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यूआईडीएआई द्वारा बंद की गई एल-0 डिवाइस को फिर से सक्रिय कराया। इससे 35 हजार बीसी सखियों सहित यूपी के तीन करोड़ लोग प्रभावित हुए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर...
- मुख्य सचिव ने बातचीत कर बीसी सखियों के एल-0 डिवाइस को फिर से एक्टिवेट कराया - यूआईडीएआई ने टेक्नोलॉजी का हवाला देकर 10 कंपनियों की 19 डिवाइस को कर दिया था बंद
- डिवाइस बंद होने से 35 हजार बीसी सखियों सहित यूपी के तीन करोड़ लोग हुए थे प्रभावित
लखनऊ, विशेष संवाददाता
ग्रामीण महिलाओं के स्वावलंबन और आर्थिक उन्नति के प्रति सजग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बैकिंग लेन-देन का माध्यम बीसी सखियां महज छह दिन के अंदर ही फिर से अपने काम धंधे से जुड़ गई हैं। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यूआईडीएआई अफसरों से बात कर बंद की गई एल-0 डिवाइस को फिर से चालू करा दिया है।
बीते 31 अक्तूबर को यूनिक आईडीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने फिंगरप्रिंट सेंसिंग मशीन की एल-0 डिवाइस को बंद करने का निर्देश दिया था। इसकी जगह दूसरा विकल्प नहीं दिया गया। जिससे बीसी सखियों की बैकिंग गतिविधियां ठप पड़ गई थी। यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि यूआईडीएआई अफसरों से बात कर बंद डिवाइस को फिर से शुरू कराया जाए।
प्रतिदिन 40 करोड़ रुपये का लेनदेन करती हैं सखियां
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया है कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से 35 हजार से अधिक बीसी सखियां जुड़ी हुई हैं, जो रोजाना 40 करोड़ से अधिक का वित्तीय लेनदेन करती हैं। उन्हें लेनदेन के लिए यूआईडीएआई द्वारा फिंगरप्रिंट डिवाइस एल-0 दी गई है। जिसके जरिए बीसी सखी लेनदेन के लिए आधार प्रमाणीकरण करती हैं, लेकिन यूआईडीएआई ने एक आदेश जारी करते हुए एल-0 डिवाइस का इस्तेमाल करने वाली 10 कंपनियों के 19 मॉडल पर 31 अक्तूबर को रोक लगा दी थी। इन डिवाइस को 31 अक्टूबर को बंद कर दिया गया।
फिर से लेनदेन से जुड़ गईं बीसी सखियां
इसकी जगह एल-1 डिवाइस का इस्तेमाल किया जाना था, लेकिन इनकी ट्रेनिंग ही नहीं दी गई। जिससे बीसी सखियों का लेनदेन प्रभावित हो गया था। यूआईडीएआई अफसरों से बातचीत के बाद छह नवंबर को डिवाइस एल-0 को फिर से एक्टिव करा दिया गया है। जिसके बाद से सभी बीसी सखियां फिर से लेन देन करने लगी हैं। बतादें कि इससे बीसी सखियों के साथ ही करीब तीन करोड़ लोग प्रभावित थे।
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