खनन घोटाले में नेताओं पर ही हुई कार्रवाई, अफसर बचते रहे
कई अफसरों की अभियोजन स्वीकृति की फाइल शासन में अटकी लखनऊ, प्रमुख संवाददाता सपा सरकार
कई अफसरों की अभियोजन स्वीकृति की फाइल शासन में अटकी लखनऊ, प्रमुख संवाददाता
सपा सरकार में 100 करोड़ रुपये से अधिक के खनन घोटाले में पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, सहारनपुर के पूर्व एमएलसी मो. इकबाल समेत कई नेता कार्रवाई के दायरे में आए पर इसमें फंसे अफसरों पर आंच नहीं आई। सीबीआई ने कई अफसरों को बयान के लिए तो तलब किया लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाई।
इस घोटाले में फंसे देवरिया के पूर्व डीएम विवेक कुमार (इस समय विशेष सचिव, गृह) पर कार्रवाई के लिए शासन ने अभियोजन स्वीकृति सीबीआई को देने से इनकार कर दिया। अभी तत्कालीन प्रमुख सचिव भूतत्व व खनिकर्म जीवेश नंदन समेत कई अधिकारियों की अभियोजन स्वीकृति की फाइल शासन में लंबित हैं। सपा सरकार में वर्ष 2012 से 2016 के बीच कई जिलों में खनन घोटाला पकड़ा गया था। उस समय 100 करोड़ रुपये से अधिक के इस घोटाले में कई आईएएस और पीसीएस अधिकारी जांच के दायरे में आए थे। इस मामले में वर्ष 2019 में आईएएस विवेक, डीएस उपाध्याय, विजय कुमार मौर्य, एडीएम खनन वीरेन्द्र यादव, संजय यादव, फूलबदन, निरीक्षक पंकज कुमार सिंह, क्लर्क हंसराज, पट्टा लेने वाले शारदा यादव समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।
सीबीआई ने जांच में गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत कई अफसरों को भी बयान देने के लिए बुलाया था। इस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति जेल गए। पूर्व एमएलसी मो.इकबाल पर कार्रवाई हुई लेकिन अफसर बचते रहे।
बयान देने के बाद कोई कार्रवाई नहीं अफसरों पर
सूत्रों के मुताबिक, इस घोटाले में आईएएस विवेक कुमार, जीवेश नंदन (अब रिटायर) और कई पीसीएस अधिकारियों के बयान सीबीआई ने लिए। पर, इससे आगे कोई कार्रवाई इन अफसरों के पास नहीं हुई। अब सीबीआई ने विवेक कुमार के खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी तो सरकार ने कुछ समय पहले स्वीकृति देने से मना कर दिया है।
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ईडी फिर से करेगा सम्पत्तियों की पड़ताल
खनन घोटाले में फंसे कौशाम्बी के पूर्व डीएम समेत कई अफसरों की सम्पत्तियों के मामले में ईडी फिर पड़ताल करने जा रही है। इन अफसरों की सम्पत्तियों की ईडी पहले भी जांच कर चुका है। सूत्रों के मुताबिक स्मारक घोटाला, नोएडा विकास प्राधिकरण फर्जीवाड़ा में जांच काफी आगे तक पहुंच चुकी है। इसी कड़ी में खनन घोटाले की फाइलें फिर से खोली जाने लगी है। सीबीआई को हरकत में आया देख ईडी ने भी इस मामले में अपनी जांच आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है।
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