मल के साथ खून आए तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें
Lucknow News - मल के साथ खून आना गंभीर समस्या हो सकती है। कई लोग इसे पाइल्स समझते हैं और डॉक्टर से सलाह लेने में संकोच करते हैं। केजीएमयू के डॉ. नसीम अख्तर ने कहा कि यह कैंसर का लक्षण भी हो सकता है। समय पर उपचार से...

मल के साथ खून आए तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। इसमें किसी भी तरह कोताही नहीं बरतनी चाहिए। क्योंकि 60 से 70 प्रतिशत लोग मल के साथ खून आने की घटना को पाइल्स मानते हैं। इलाज कराने से कतराते हैं। डॉक्टर की सलाह लेने में भी संकोच महसूस करते हैं। यह घातक साबित हो सकता है। यह लक्षण पाइल्स से इतर कैंसर भी हो सकता है। यह बातें केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के डॉ. नसीम अख्तर ने कही। शर्म-झिझक से बचें
वह शनिवार को शताब्दी भवन-2 में कोलोरेक्टल कैंसर अवेयरनेस प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे। डॉ. नसीम अख्तर ने कहा कि मल के साथ खून आने पर लोग इलाज के बजाए संकोच करते हैं। मल के साथ खून आना गंभीर चिंता का कारण हो सकता है। डॉक्टर की तुरंत सलाह लेनी चाहिए। यह पाइल्स के अलावा आंत व दूसरे पेट के अंगों का कैंसर हो सकता है।
फास्ट फूड से तौबा करें
डॉ. नसीम ने कहा कि समय पर इलाज से कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकता है। ऑपरेशन कर कैंसर प्रभावित हिस्से को हटाया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर कीमोथेरेपी व रेडियोथेरेपी भी देने की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि कैंसर के खतरों को कम करने के लिए रेशेदार फलों का सेवन करें। हरी सब्जियां खाएं। फास्ट फूड से तौबा करें। धू्म्रपान से परहेज करें। पर्याप्त मात्रा में साफ पानी पिएं।
स्टूल बैग से घबराएं नहीं
डॉ. नसीम ने कहा कि आंत व मलद्वार के कैंसर में ऑपरेशन के बाद कई बार स्टूल बैग लगाना पड़ता है। यह एकदम सुरक्षित व आरामदायक है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि दूरबीन विधि से कोलेरेक्टल ऑपरेशन किए जा रहे हैं। सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने कहा कि स्टूल बैग कई बार अस्थायी होता है। मरीज को बीमारी से राहत मिलने के बाद उसे हटा दिया जाता है। डॉ. शिव राजन ने कहा कि कैंसर को हराने के लिए जागरूकता की जरूरत है। नई दवाओं और ऑपरेशन की नई तकनीक से बीमारी हार रही है।
एक मिनट की जांच से कैंसर का पता चलेगा
गैस्ट्रोमेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुमित रूंगटा ने कहा कि आंतों की बीमारी का पता लगाने में कोलोनोस्कोप अहम जांच है। यह सुरक्षित है। सटीक जांच की जा सकती है। एक मिनट से कम समय लगता है जांच में। कैंसर व अल्सर समेत दूसरी बीमारी का आसानी से पता लगाया जा सकता है। रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि कैंसर मरीजों के इलाज के लिए कई सरकारी योजनाओं का संचालन हो रहा है। गरीब मरीज योजनाओं का लाभ लेकर पूरा इलाज करा सकते हैं। कार्यक्रम में डॉ. समीर गुप्ता, डॉ. पुनीत प्रकाश, डॉ. राजीव गुप्ता समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे।
हौसले से जीत मुमकिन
कैंसर विजेता रेहाना अली ने बताया कि बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है। हौसले व हिम्मत के बूते कैंसर को मात दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कैंसर का इलाज कठिन है। इलाज के दौरान कई प्रकार की दुश्वारियां आती हैं। लेकिन हार मानकर इलाज रोकने की जरूरत नहीं होती है। पूरा इलाज कराएं। निश्चित ही जीत होगी। गुरुनाम सिंह ने कहा कि उन्हें आंत व प्रोस्टेट दो प्रकार का कैंसर था। लेकिन डॉक्टर व परिवार के हौसलों ने बीमारी को मात देने में मदद दिलाई।
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