केजीएमयू की मोबाइल वैन गांवों में जाकर करेगी स्तन कैंसर की जांच
Lucknow News - भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लि. (भेल) ने केजीएमयू को एक मोबाइल वैन दान की है। यह वैन कैंसर मरीजों की पहचान के लिए उपयोग की जाएगी, खासकर स्तन कैंसर की जांच के लिए। वैन में मेमोग्राफी मशीन और अन्य जांच...
भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लि. (भेल) की ओर से केजीएमयू को एक मोबाइल वैन दान की गई है। केजीएमयू के रेडिएशन आंकोलॉजी विभाग को मिली इस वैन का प्रयोग कैंसर मरीज की पहचान के लिए होगा। इस बस रूपी मोबाइल वैन से टीम जाकर स्तन कैंसर की जांच करेगी, क्योंकि बस में मेमोग्राफी मशीन लगाई जाएगी। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि भेल से सीएसआर के तहत एक मोबाइल वैन मिली है। वैन में केजीएमयू डॉक्टरों की टीम गांवों में जाएगी। वहां महिलाओं की जांचकर कैंसर की पहचान की जाएगी। इस बस में मेमोग्राफी मशीन लगाई जा रही है। मोबाइल वैन के तीन हिस्सों में पहले भाग में मरीज की जानकारी प्राप्त की जाएगी। अगले हिस्से में खून की जांच और तीसरे भाग में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड व अन्य रेडियोडाग्नोसिस जांच की जाएगी। यहीं मैमोग्राफी मशीन भी लगेगी।
केजीएमयू की स्तन कैंसर विशेषज्ञ डॉ. गीतिका ने बताया कि भारत में अभी भी स्तन कैंसर जागरुकता को लेकर काफी कमी है। विदेशों में 56 साल तो भारत में स्तन कैंसर की औसत आयु 46 साल है। जागरूकता की कमी से 42 फीसदी महिलाएं एडवांस स्टेज में अस्पताल पहुंच पाती हैं। ऐसे में कैंसर अधिक फैल जाता और मौत की प्रमुख वजह बनता है।
महिलाओं में स्तन कैंसर की दर अधिक
रेडिएशन आंकोलॉजी विभाग के आंकड़ों को देखें तो महिलाओं में होने वाले कैंसर के कुल मामलों में से स्तन कैंसर के मामले 28.8 फीसदी है। वहीं, 10.6 फीसदी में गर्भाशय ग्रीवा, 6.2 फीसदी में ओवरी, 3.7 फीसदी गर्भाशय के मुख्य भाग, 3.7 फीसदी फेफड़े, 3.6 फीसदी में थॉयराइड, 3.2 फीसदी को मुंह, 2.8 फीसदी को सांस नली, 2.7 फीसदी को गाल ब्लेडर और 2.4 फीसदी के पेट में कैंसर होता है।
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