विचारों की हिंसा सबसे खतरनाक-रुचिता चौधरी
बीबीएयू में विशेष व्याख्यान का आयोजन लखनऊ, कार्यालय संवाददाता विचारों की हिंसा सबसे खतरनाक
बीबीएयू में विशेष व्याख्यान का आयोजन लखनऊ, कार्यालय संवाददाता
विचारों की हिंसा सबसे खतरनाक होती है। लिहाजा हर जगह अच्छे विचार से सभी को सभ्य समाज का परिचय देना चाहिए। सभ्य समाज में ही प्रत्येक इंसान खुद को सुरक्षित महसूस करता है। ये बातें बीबीएयू में आयोजित व्याख्यान में सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक रुचिता चौधरी ने कहीं। इंटर्नल कंप्लेंट कमेटी की ओर से 'आईसीसी का क्षेत्र, दायरा और कार्यप्रणाली' विषयक विशेष व्याख्यान में यूथ वेलफेयर की सेवानिवृत्त डायरेक्टर जनरल एवं रेरा की सदस्य डिम्पल वर्मा ने कहा कि देश में महिला सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय है। बीते कुछ सालों के दौरान देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में काफी इजाफा हुआ है। कहीं न कहीं यौन उत्पीड़न का कारण लिंग-अनुकूल वातावरण की कमी और अनुचित कार्यात्मक बुनियादी ढांचा है।
महिलाओं को सशक्त बनाना जरूरी
बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए यूपी राज्य आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने के साथ-साथ उन्हें सशक्त बनाना भी अत्यंत आवश्यक है। जिससे वह स्वयं से जुड़े फैसले खुद लें सकें और अपना वास्तविक अधिकार हासिल कर सकें। सरकार ने महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के क्षेत्र में विभिन्न योजनाएं लागू की हैं। जो वास्तव में एक सकारात्मक कदम है। समाज सेविका डॉ. पूजा ठाकुर सिकेरा ने कार्य स्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न के बारे में बताया। डिजिटली सुरक्षा के लिए उपयोगी एप्लिकेशन्स की जानकारी दी। उन्होंने 'चुप्पी तोड़ो , खुलकर बोलो' नारे की गंभीरता को समझाते हुए प्रत्येक नागरिक को महिला सुरक्षा के क्षेत्र में कदम उठाने को प्रेरित किया। आईसीसी द्वारा स्त्री विषय पर आयोजित कला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर आईसीसी, बीबीएयू की चेयरपर्सन प्रो. आभा मिश्रा, प्रो. सुदर्शन वर्मा, प्रो. दीपा एच द्विवेदी, प्रो. शूरा दारापुरी, डॉ. बलजीत श्रीवास्तव, डॉ. रवि शंकर वर्मा, डॉ. रुबीलता,शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
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