Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊAparna Yadav Takes Charge as Vice Chairperson of State Women s Commission

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परशुराम की तरह : अपर्णा यादव

-महिला आयोग में उपाध्यक्ष का पदभार लखनऊ, विशेष संवाददाता पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊWed, 11 Sep 2024 03:23 PM
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-महिला आयोग में उपाध्यक्ष का पदभार लखनऊ, विशेष संवाददाता

पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और भाजपा नेत्री अपर्णा यादव ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए बुधवार को राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष का पदभार संभाल लिया। भाजपा से किसी तरह की नाराजगी होने से इनकार करते हुए उन्होंने यह दायित्व देने के लिए पार्टी के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत बड़ी पार्टी है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परशुराम की तरह हैं।

अपर्णा ने आयोग की अध्यक्ष बबिता सिंह चाहौन और एक अन्य उपाध्यक्ष चारू चौधरी के कार्यभार संभालने के बाद अपना पदभार ग्रहण किया। पदभार न संभालने से उनकी नाराजगी की अटकलें लगाई जा रही थीं। सोमवार को उन्होंने अपने पति प्रतीक यादव के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। बुधवार को भाजपा नेत्री और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की पत्नी नम्रता पाठक की मौजूदगी में उन्होंने महिला आयोग में अपना पदभार संभाला।

इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने नाराजगी की कोई बात नहीं है, लेकिन परिवार में सबको अपनी बात कहने का हक है। भाजपा बहुत बड़ा परिवार है। प्रधानमंत्री और राज्य सरकार ने यह जिम्मेदारी मुझे सौंपी है। इसके लिए मैं प्रदेश सरकार, संगठन और पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद देना चाहती हूं। मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि वह मुझे और मेरी टीम को शक्ति प्रदान करें ताकि हम अच्छा काम कर सकें। मैंने हमेशा महिलाओं के मुद्दों को उठाया है। यह मेरे लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पहले मुझे एकलव्य जैसा महसूस होता था, लेकिन अब मैं अर्जुन की तरह काम करना चाहती हूं। मंगेश यादव के एनकाउंटर के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके पीछे जरूर कोई कारण रहा होगा। अभी इसकी जांच चल रही है। राह चलते किसी आदमी को तो पुलिस गोली नहीं मार देती है? पुलिस से ही तो हम सबकी सुरक्षा होती है।

एक सवाल के जवाब में भाजपा नेत्री नम्रता पाठक ने कहा कि महिला आयोग के उपाध्यक्ष का पद छोटा नहीं है। यह बड़ा पद होता है। सरकार ने इनके लिए जो भी निर्णय लिया है, बहुत सही लिया है। यदि एमएलसी या मेयर बनी होतीं तो उन्हें एक सीमित दायरे में काम करना होता, उपाध्यक्ष के पद का दायरा बहुत बड़ा है।

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