प्रदेश की आधी महिलाओं को प्रभावित करती है एनीमिया : ब्रजेश
Lucknow News - एनीमिया गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर समस्या है, जिससे शिशु की सेहत को भी खतरा होता है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने खान-पान पर ध्यान देने और आयरन की गोलियां लेने की सलाह दी। 2016 में मातृ एनीमिया 51%...
एनीमिया गंभीर समस्या बन गई है। गर्भावस्था के दौरान तमाम महिलाओं में एनीमिया का पता चलता है। इसकी वजह से महिलाओं के साथ गर्भ में पल रहे शिशुओं की सेहत को भी खतरा रहता है। इससे बचने के लिए खान-पान पर ध्यान दें। डॉक्टर की सलाह पर गर्भवती महिलाएं आयरन की गोलियां खाएं। यह सलाह डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दी। वह शुक्रवार को होटल क्लार्क अवध में केजीएमयू के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग, सोसाइटीज ऑफ इंडिया, फेडरेशन ऑफ ऑब्स्ट्रेटिक तथा गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से एनिमिया रिडक्शन पर हुई कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। डिप्टी सीएम ने कहा कि एनीमिया को गंभीरता से लेने की जरूरत है। सरकार एनीमिया के खात्मे के लिए कई कार्यक्रमों का संचालन कर रही है। इससे स्थितियों में थोड़ा सुधार जरूर आया है। उन्होंने कहा कि एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जो उत्तर प्रदेश में लगभग आधी गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करती है।
कमजोरी व थकान महसूस होने पर जांच कराएं
केजीएमयू क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अविनाश अग्रवाल ने कहा कि आमतौर पर एनीमिया के लक्षण तब दिखाई देते हैं जब शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इससे मरीज को कमजोरी और थकान महसूस होती है। त्वचा का रंग सफेद या पीला होने लगता है। त्वचा में रूखापन और आसानी से नील पड़ने लगता है। अनियमित दिल की धड़कन और सांस लेने में कठिनाई होती है। कई बार मरीज की जीभ में छाले निकल आते हैं।
2016 के मुकाबले स्थिति में आया सुधार
कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि मातृ एनीमिया के प्रसार में 2016 में 51 प्रतिशत था, जो 2021 में घटकर 45.9 प्रतिशत हो गया है। यह महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि एनीमिया को लेकर लोगों में जागरूकता पहले से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में एनीमिया की परेशानी दूर कर मातृ एवं शिशु मृत्युदर के आंकड़ों में और कमी लाई जा सकती है। फॉग्सी के अध्यक्ष डॉ. जयदीप टांक ने कहा कि एनीमिया से निपटने के लिए नई दवाएं आ गई हैं। जटिल एनीमिया से निपटने के लिए इलाज की नई तकनीक भी प्रचलन में है। डिजिटल हीमोग्लोबिनोमीटर से शरीर में खून की कमी का तुरंत सटीक पता लगाया जा सकता है। ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटेजीज के वाइस प्रेजिडेंट डॉ. जयदीप टेंक, केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ. सुरुचि शुक्ला समेत 200 डॉक्टर मौजूद रहे।
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