अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से प्रेरणा लें लोग
- सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने किया अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह का शुभारंभ -
- सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने किया अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह का शुभारंभ - अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर लगी प्रदर्शनी का भी उद्घाटन हुआ
लखनऊ, संवाददाता।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई का जीवन हर किसी के लिए प्रेरणादायी है। हर किसी को उनके विचारों, आदर्शों और संघर्षों को आत्मसात करना चाहिए। उनका पराक्रम अद्भुत था। वह कुशल रणनीतिकार, पराक्रमशीलता व युद्ध कला में प्रवीण थीं।
गोमती नगर के सीएमएस में मुख्य अतिथि सह सर कार्यवाह आलोक कुमार, लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के वंशज उदय राजे होलकर और डॉ. माला ठाकुर ने अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर लगी प्रदर्शनी और लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। आलोक कुमार ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर सती प्रथा की विरोधी, त्याग की प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने साड़ी का उद्योग महेश्वर में शुरू कराया। युद्ध में जो सैनिक बलिदान हो जाते थे, उनकी विधवाओं के लिए रोजगार का सृजन किया। उन्होंने सिंचाई के संसाधन विकसित कर उपज बढ़ाने के लिए काम किया। अहिल्याबाई ने राजस्थान से पत्थर काटकर मंदिर बनाने वालों को लाकर बसाया और उनको भूमि दी। युद्ध के दौरान बलिदान हो जाने वाले सैनिक के आश्रितों को एक मुश्त राशि देने और पेंशन की योजना शुरू की।
पुस्तक का विमोचन, फिल्म दिखायी
मंचासीन अतिथियों ने समरसता पाथेय और लेखक गरिमा मिश्रा की अहिल्याबाई होलकर पर लिखी पुस्तक का विमोचन किया। समरसता पाथेय का संपादन अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी समारोह समिति के सदस्य बृजनंदन राजू ने किया है। अधिक संख्या में महिलाओं ने लोकमाता अहिल्याबाई की वेषभूषा धारण किया, जो आकर्षण का केंद्र रहीं। कार्यक्रम में अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। त्रिशताब्दी समारोह समिति की राष्ट्रीय सचिव डॉ. माला ठाकुर ने कहा कि आज जब समाज को कुछ लोग जाति, भाषा और क्षेत्र के आधार पर बांटने का काम कर रहे हैं। वहीं उस कालखंड में लोकमाता अहिल्याबाई न सिर्फ समाज की दशा और दिशा निर्धारण का काम कर रही थीं, बल्कि वह सामाजिक समर्थन का उदाहरण भी प्रस्तुत कर रही थीं। वह समाज के सभी वर्ग के लोगों के साथ बैठकर एक पंक्ति में भोजन करती थीं।
अहिल्याबाई में समरसता का भाव था
वंशज उदय राजे होलकर ने कहा कि उनके जीवन में समरसता का भाव था। अहिल्याबाई ने महेश्वर राज्य की सीमा को लांघते हुए पूरे देश में काम किया। इस मौके पर समारोह समिति अवध प्रांत के संरक्षक व बावन मंदिर अयोध्या के महंत बैदेही बल्लभ शरण महाराज, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उप्र. के क्षेत्र प्रचारक अनिल, अवध प्रांत के प्रांत प्रचारक कौशल, वरिष्ठ प्रचारक वीरेंद्र, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख मनोज कांत, धवेंद्र सिंह, राम जी, संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दुबे, त्रिशताब्दी समारोह के प्रांत संयोजक राजकिशोर, सह संयोजक डॉ. बिपिन द्विवेदी, विश्व संवाद केंद्र के प्रमुख डॉ. उमेश, भारत सिंह, राष्ट्र सेविका समिति की प्रांत कार्यवाहिका यशोधरा आदि रहे।
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