लद्दाख मुद्दे पर संवेदनशील होने की जरूरत: अखिलेश
- चारागाह पर कब्जा होने से खड़ा हो जाएगा बड़ा संकट लखनऊ- विशेष संवाददाता
- चारागाह पर कब्जा होने से खड़ा हो जाएगा बड़ा संकट लखनऊ- विशेष संवाददाता
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि लद्दाख को बचाने की कोशिश अपनी सीमावर्ती जमीन को बचाना भी है। अगर चारागाह पर धीरे-धीरे दूसरों का कब्जा होता जाएगा, तो लद्दाख के पश्मीना चरवाहों की भेड़-बकरियों और उनसे जुड़े उत्पादों के लिए घोर संकट पैदा हो जाएगा। इसका सीधा संबंध लद्दाख के समाज के जीवनयापन से जुड़ा है। इसीलिए ये मुद्दा एक संवेदनशील सामरिक होने के अलावा बेहद चिंतनीय आर्थिक-सामाजिक मुद्दा भी है।
अखिलेश यादव ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा है कि लद्दाख के मुद्दे को बड़े चश्मे से देखने की जरूरत है। इसके लिए उठ रही आवाजों को दबाना, देश के लिए चुनौती बन रही दखलंदाजी से मुंह मोड़ना है। इसीलिए लद्दाख के मुद्दे को प्राथमिकताओं में भी प्राथमिक माना जाना चाहिए। इस संदर्भ में ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार को बार-बार लद्दाख की परेशानियों और चुनौतियों की याद दिलानी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि ‘पानी और नमक के सहारे अनशन करने वालों का महत्व वो भाजपा क्या समझेगी, जिसकी आंख का पानी मर गया है और जो नमक का कर्ज तक चुकाना नहीं जानती। देश की जनता सोनम वांगचुक के लद्दाख, देश की सीमाओं व पर्यावरण की रक्षा के लिए किये जा रहे संघर्ष में हर तरह से उनके साथ है। हम सबका ‘सम्पूर्ण समर्थन उनके इस महान आंदोलन को कामयाब बनाएगा। भाजपा के वसूली के बल पर जमा किए गए पैसों के अंबार से जन्मे अहंकार ने उसकी देखने, सुनने और समझने की शक्ति छीन ली है। ये भाजपा का पतनकाल है।
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