Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊ34th Vidya Parishad Meeting Key Decisions on Pharmacy Engineering and Education Reforms

पुनर्वास विवि में फार्मेसी व इंजीनियरिंग संकाय की होगी स्थापना

- 34वीं विद्या परिषद की बैठक में कई अहम फैसले हुए लखनऊ, संवाददाता।

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSat, 23 Nov 2024 07:00 PM
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- 34वीं विद्या परिषद की बैठक में कई अहम फैसले हुए लखनऊ, संवाददाता।

डॉ. शुकंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में फार्मेसी और इंजीनियरिंग संकाय की स्थापना होगी। इसके संस्थान निर्माण के लिए भी प्रस्तावना तैयार की जाएगी। साथ ही हर शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया के लिए प्रवेश सेल को स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत स्नातक स्तर पर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम रेगुलेशन-2024 और परास्नातक स्तर पर पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम रेगुलेशन-2024 को अनुमोदन प्रदान किया गया। यह निर्णय कुलपति की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित 34वीं विद्या परिषद की बैठक में लिया गया।

कुलपति आचार्य संजय सिंह का कहना है कि विद्या परिषद की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। कहा कि विश्वविद्यालय का लोगो डिजाइन कराने के लिए अन्तर विश्वविद्यालयी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। जिसका डिजाइन चयनित होगा, उसको पुरस्कृत किया जाएगा। कुलपति के मुताबिक, विवि में स्नातक, परास्नातक उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन, पीएचडी शोध मूल्यांकन और मौखिकी संपादन के लिए पूर्व निर्धारित पारिश्रमिक को अवक्रमिक करते हुए नये सिरे से पारिश्रमिक निर्धारिण के लिए प्रो. सीके दीक्षित की अध्यक्षता में समिति बनाने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में अधिष्ठाता शैक्षिणिक प्रो. वीके सिंह, कुलसचिव रोहित सिंह, वित्त अधिकारी श्रीनिवास त्रिपाठी, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अमित कुमार राय समेत सभी संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

16 से मिड टर्म और सात से सेमेस्टर परीक्षा

विद्या परिषद की बैठक में 16 से 21 दिसंबर तक 25 अंकों की मध्य सत्र परीक्षा कराने का फैसला हुआ। जिसमें 15 अंकों की परीक्षा और 10 अकों का अभिविन्यास व प्रस्तुतिकरण होगा। साथ ही सात से 20 जनवरी 2025 के बीच स्नातक और परास्नातक स्तर पर संचालित पाठ्यक्रमों की अधिसत्र परीक्षाएं होंगी।

इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

1. स्नातक स्तर पर संचालित मल्टीडिसेप्लेनरी पाठ्यक्रम में दिव्यांगता अध्ययन को शामिल किया गया।

2. विश्वविद्यालय में पहले 6.5 सीजीपीए रेंज पर प्रथम श्रेणी की उपाधि दी जाती थी। अब विद्यार्थियों को 6.0 सीजीपीए रेंज पर प्रथम श्रेणी उपाधि दी जाएगी।

3. विश्वविद्यालय में होने वाले राष्ट्रीय संगोष्ठी या सम्मेलन के आयोजन को 50 हजार रुपए अग्रिम धनराशि और अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी या सम्मेलन के आयोजन के लिए दो लाख रुपए अग्रिम धनराशि लोन के रूप में उपलब्ध कराने का फैसला हुआ।

4. देश के किसी भी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय या अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिभाग के लिए दो साल में एक बार 20 हजार रुपए और विदेशों में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिभाग के लिए चार वर्ष में एक बार एक लाख रुपए की धनराशि दिए जाने का निर्णय हुआ।

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