Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊPromised for three years but did not give possession even after 16 years State Consumer Commission imposed fine 20 lakhs

तीन वर्ष का वादा, पर 16 साल बाद भी नहीं दिया कब्जा, राज्य उपभोक्ता आयोग ने लगाया 20 लाख का हर्जाना

  • लोग एक प्लॉट या फ्लैट के लिए अपनी जमा पूंजी लगा देते हैं। कर्ज में डूब जाते हैं और कब्जा नहीं मिलता। आवंटी कब्जे के लिए दर-दर भटकता है। वादा खिलाफी पर ग्रेटर नोएडा डेवलपमेंट अथारिटी के खिलाफ राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने सख्त रुख अपनाया है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, लखनऊ, प्रमुख संवाददाताWed, 28 Aug 2024 03:54 PM
share Share

लोग एक प्लॉट या फ्लैट के लिए अपनी जमा पूंजी लगा देते हैं। कर्ज में डूब जाते हैं और कब्जा नहीं मिलता। आवंटी कब्जे के लिए दर-दर भटकता है। वादा खिलाफी पर ग्रेटर नोएडा डेवलपमेंट अथारिटी के खिलाफ राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। एक मामले में पीड़ित के पक्ष में फैसला देते हुए आयोग ने बिल्डर पर 20 लाख रुपये जुर्माना लगाया। साथ ही एक लाख रुपये मुकदमे का खर्च भी देने को कहा है।

इसके पूर्व जिला उपभोक्ता आयोग ने आवंटी के पक्ष में निर्णय दिया था। उसके खिलाफ अपील में बिल्डर ने राज्य उपभोक्ता आयोग का रुख किया। आयोग अध्यक्ष अशोक कुमार ने अपने निर्णय में इस बात पर हैरानी जताई कि लम्बा समय बीतने के बावजूद बिना किसी कोर्ट के स्थगन आदेश के जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला नहीं माना गया। ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथरिटी बनाम आशा सेठी (मृतक) रेनू सेठी के मामले में आयोग ने निर्णय दिया। 

आदेश में जिला उपभोक्ता आयोग की ओर से मार्च 2013 में पारित निर्णय की पुष्टि की गई। आदेश का पालन 45 दिन में करने को कहा गया अन्यथा 10 फीसदी वार्षिक ब्याज देना होगा। इसके पूर्व जिला उपभोक्ता आयोग ने अथारिटी को निर्देश दिया था कि आवंटी को आवंटित प्लॉट का कब्जा उचित बुनियादी सुविधाओं के साथ रहने योग्य स्थिति में दे। साथ ही शिकायतकर्ता की ओर से जमा की गई राशि (ब्याज और दंडात्मक ब्याज को छोड़कर, यदि कोई हो) पर वाद की तिथि से भुगतान तक छह फीसदी वार्षिक ब्याज देने का निर्देश दिया था।

यह है मामला

शिकायत के अनुसार अथारिटी ने मार्च 2008 में अपनी बीएचएस योजना के तहत विस्तार योग्य तैयार घरों के लिए आवेदन मांगे थे। साथ ही 29.8 लाख की अस्थायी कीमत तय की थी। पीड़ित ने इसी योजना में आवेदन किया। उसे सेक्टर ए ब्लॉक में मकान संख्या 161 आवंटित किया गया। इसी क्रम में जुलाई 2008 में आवंटन पत्र भी मिला। आवंटी ने घर और अन्य सुविधाओं के लिए कुल 37 लाख 97 हजार 279 रुपये जमा किए। अथारिटी ने तीन वर्ष में कब्जा दिए जाने की बात कही थी लेकिन जब 2010 में आवंटी ने मौके पर जाकर देखा तो पता चला कि निर्माण अधूरे हैं। अथारिटी ने यह भी स्वीकार किया कि हाईकोर्ट का स्टे होने से योजना का कार्य रोक दिया गया है। इस योजना में आजतक कोई कार्य पूरा नहीं हुआ है। नोएडा अथारिटी ने राज्य आयोग में अपील करते हुए जिला स्तरीय आदेश को निरस्त करने की अपील की थी। निर्णय को साक्ष्य, विधि विरुद्ध और दोषपूर्ण बताया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य उपभोक्ता आयोग ने नोएडा अथारिटी की अपील खारिज कर दी।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें