हम स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित, सरकार की नींद नहीं टूट रही : हाई कोर्ट
- हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों के अनुरूप स्कूलों में सुरक्षा उपाय न करने पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। न्यायालय ने कहा है कि हमारे समक्ष भारी मात्रा में दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए गए लेकिन एक भी दस्तावेज में स्कूली संस्थानों के निरीक्षण की बात नहीं है।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों के अनुरूप स्कूलों में सुरक्षा उपाय न करने पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। न्यायालय ने कहा है कि हमारे समक्ष भारी मात्रा में दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए गए लेकिन एक भी दस्तावेज में स्कूली संस्थानों के निरीक्षण की बात नहीं है। न्यायालय ने अविनाश मेहरोत्रा मामले में शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों के अनुपालन के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देने के लिए प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को नियुक्त करने व उसे कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है। न्यायालय ने इस सम्बन्ध में शपथ पत्र दाखिल करने का भी आदेश दिया है। साथ ही स्पष्ट किया है कि यदि कोर्ट शपथ पत्र को संतोषजनक नहीं पाता है तो मुख्य सचिव को तलब करेगा। मामले की अगली सुनवाई 5 सितम्बर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने गोमती रिवर बैंक रेजीडेंट्स की ओर से वर्ष 2020 में दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है। उक्त याचिका में शहर के आवासीय क्षेत्रों में चल रहे स्कूलों का मुद्दा खास तौर पर उठाया गया है। याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाइयों के दौरान न्यायालय ने पाया कि सुप्रीम कोर्ट ने अविनाश मेहरोत्रा मामले में 14 अगस्त 2017 को बच्चों की सुरक्षा और स्कूलों में सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने को लेकर कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे। इसके तहत डीआईओएस को नोडल अधिकारी नियुक्त करने की बात कही गई थी व उसके कार्यों की निगरानी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन को करने को कहा गया था जिसका प्रमुख जिलाधिकारी को बनाया गया था। अंत में दोनों के कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी मुख्य सचिव को सौंपी गई थी। न्यायालय ने पाया कि उक्त दिशानिर्देशों के क्रम में आवश्यक कार्रवाई नहीं हुई है।
हजरतगंज के स्कूल बच्चों को कैम्पस के भीतर ही पिक-ड्रॉप कराएं
न्यायालय ने महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा है कि हजरतगंज व राजभवन के आस-पास के स्कूली संस्थान कक्षा 5 तक के बच्चों को स्कूल परिसर के भीतर से ही पिक-ड्रॉप करने की सुविधा दें। न्यायालय ने कहा कि इसके लिए स्कूल वैन्स को अनुमति दी जाए। कहा कि सड़क के अनियंत्रित ट्रैफिक में बच्चों को खतरा है। न्यायालय ने संयुक्त पुलिस आयुक्त, ट्रैफिक पुलिस लखनऊ को इस आदेश का एक सप्ताह में अनुपालन कराने का आदेश दिया है। न्यायालय ने कहा है कि इस सम्बन्ध में स्कूलों को यदि कोई समस्या आती है तो वे संयुक्त आयुक्त के समक्ष अपनी बात रखेंगे। इसके साथ ही न्यायालय ने अगली सुनवाई पर संयुक्त पुलिस आयुक्त को भी हाजिर होने का आदेश दिया है।
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