Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊCabinet decision Important step for Sanskrit students scholarship increased after 24 years

यूपी में संस्‍कृत के छात्रों को लेकर योगी सरकार का अहम फैसला, 24 साल बाद बढ़ाई स्‍कॉलरशिप

  • संस्कृत छात्रों को लेकर 24 साल बाद यूपी सरकार ने फैसला लिया है। कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने छात्रों की छात्रवृत्ति बढ़ाने की मंजूरी दी है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, लखनऊ, विशेष संवाददाताTue, 27 Aug 2024 11:29 PM
share Share

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि करने का अहम फैसला लिया गया। यह बढ़ोत्तरी 24 साल बाद की गई है। कैबिनेट ने वर्ष 2001 से लागू वर्तमान छात्रवृति दरों में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी। स्वीकृति प्रदान की है। बैठक में कुल 14 प्रस्ताव रखे गए, जिसमें से 13 प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।

कक्षा छह व सात के छात्रों को भी मिलेगी छात्रवृत्ति

माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने उनके विभाग से संबंधित इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत प्रथमा (कक्षा 6 एवं 7) के लिए 50 रुपये प्रतिमाह और मध्यमा (कक्षा 8) के लिए 75 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति निर्धारित की गई है। इसके साथ ही पूर्व मध्यमा (कक्षा 9 व 10) के लिए 100 रुपये, उत्तर मध्यमा (कक्षा 11 व 12) के लिए 150 रुपये, शास्त्री के लिए 200 रुपये एवं आचार्य के लिए 250 रुपये प्रति माह की दर से छात्रवृत्ति दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

किसी भी आय वर्ग के छात्र ले सकेंगे लाभ

मंत्री ने बताया कि संस्कृत की शिक्षा ग्रहण करने वाले ज्यादातर छात्र और छात्राएं निर्धन परिवारों की पृष्ठभूमि से होते हैं, इसलिए संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत प्रथमा कक्षा 6, 7 और 8 के छात्रों को छात्रवृत्ति दिए जाने की व्यवस्था की गई है। छह और 7 के बच्चों को पहले छात्रवृत्ति दिए जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार ने उन्हें भी छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है। छात्रवृत्ति में जो संशोधन किया गया है वो पहले की तुलना में कहीं ज्यादा है। इसका लाभ सीधे-सीधे विद्यार्थियों को प्राप्त होगा। यह निर्णय संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया है। इसमें पहले कैपिंग थी कि 50 हजार रुपये वार्षिक आय वाले ही इसमें पात्र होंगे, लेकिन अब इस शर्त को हटा लिया गया है। अब इसमें आय वर्ग का कोई कैप नहीं है।

 किसी प्रकार का कोई भी व्यक्ति चाहे किसी आय वर्ग का हो, अगर वो संस्कृत का विद्यार्थी बनेगा तो उसे छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि संस्कृत ही सभी भाषाओं की जननी है, इसलिए सरकार पूरी तरीके से इस पर ध्यान दे रही है। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश में कुल 517 संस्कृत विद्यालय हैं, जहां विद्यार्थी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें