Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Life imprisonment to 3 people including wife and her boyfriend for murdering husband

पति की हत्या में पत्नी और उसके प्रेमी समेत तीन को उम्रकैद, कोर्ट ने 25-25 हजार का जुर्माना भी लगाया

  • मुरादाबाद में प्रेमी से अवैध संबंधों को लेकर एक पत्नी ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। अब अदालत ने महिला, उसके प्रेमी और एक अन्य को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

Pawan Kumar Sharma लाइव हिन्दुस्तानTue, 6 Aug 2024 11:02 PM
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यूपी के मुरादाबाद में प्रेमी से अवैध संबंधों को लेकर महिला ने अपने पति की हत्या कर दी। अदालत ने हत्या में पत्नी और उसके प्रेमी व एक अन्य को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सभी पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मंगलवार को मुरादाबाद में फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम मो. फिरोज ने यह फैसला सुनाया।

जिले के मैनाठेर के गांव महमूदपुर माफी का नारायण सिंह घर से लापता हो गया। भाई सूखा राम ने 10 नवंबर 2017 को रिपोर्ट दर्ज कराई। कहा कि छोटे भाई नारायण सिंह गायब हो गया। उसकी पत्नी प्रेमवती 6 नवंबर से पति को गायब बता रही है। आरोप है कि प्रेमवती ने उसकी बहन के देवर राजकुमार से प्रेम संबंधों के चलते दो अन्य लोगों के साथ मिलकर अपहरण कर लिया। तहरीर में कहा गया कि उसने व साथी सुनील ने राजकुमार को 6 नवंबर को दो अन्य साथियों के साथ प्रेमवती के घर में बात करते देखा था। पुलिस ने तहरीर के आधार पर छानबीन शुरू की।

कॉल डिटेल और पूछताछ में पुलिस को सुराग मिले। गुमशुदगी को लेकर पुलिस ने केस का खुलासा करते हुए पत्नी प्रेमवती व राजकुमार व एक अन्य से पूछताछ की। घटना के एक दिन बाद ही नारायण सिंह की लाश गागन नदी के पुल के नीचे से बरामद हुई। पुलिस ने नामजद पत्नी प्रेमवती व प्रेमी राजकुमार से कड़ी पूछताछ की। पुलिस ने 16 जनवरी,18 को अदालत में चार्जशीट पेश की।

केस की सुनवाई एडीजे कोर्ट संख्या-एक मोहम्मद फिरोज की अदालत में हुई। एडीजीसी अशोक यादव ने बताया कि अदालत में आरोपियों के बयान व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दोषी माना गया। अदालत ने महिला प्रेमवती, राजकुमार व सहयोगी बनवारी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व 25-25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

केस में 13 गवाह पेश, कॉल डिटेल ने खोले राज

एडीजीसी अशोक कुमार यादव ने बताया कि नारायण सिंह की पत्नी व उसके प्रेमी के खिलाफ घटना के दौरान हुई कॉल डिटेल पर्याप्त सबूत बनी। केस की सुनवाई में 13 गवाहों ने अदालत में बयान दर्ज कराए। अभियुक्तों ने नारायण सिंह की लाश को गागन पुल के नीचे दबा दिया। पुलिस शव को निशानदेही पर बरामद कर सकी।

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