मां के बगल में सो रही दुधमुंही बच्ची को उठा ले गया तेंदुआ, घर के पास मिले खून के धब्बे
यूपी के बलरामपुर में मां के बगल में सो रही दुधमुंही बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया। घर से दस कदम दूर कई स्थानों पर खून बिखरे मिले हैं, लेकिन बच्ची का पता नहीं चल सका। वन विभाग व पुलिस टीम तेंदुए व बच्ची की तलाश में काम्बिंग कर रही है।
यूपी के बलरामपुर में मां के बगल में सो रही दुधमुंही बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया। घर से दस कदम दूर कई स्थानों पर खून बिखरे मिले हैं, लेकिन बच्ची का पता नहीं चल सका। वन विभाग व पुलिस टीम तेंदुए व बच्ची की तलाश में काम्बिंग कर रही है। तेंदुआ पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगाया गया है। तेंदुए की निगरानी ट्रैपिंग कैमरे से की जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों ने परिषदीय विद्यालयों में घूमकर बच्चों को तेंदुए से बचाव की जानकारी दी है। घटना स्थानीय थाना क्षेत्र अन्तर्गत भुजेहरा के मजरे खैरहनिया गांव में मंगलवार मध्यरात्रि हुई है। इस घटना से दर्जनभर गांवों में दहशत का माहौल है।
सोनपुर कलॉ का मजरा है बेलास। यहां के कुछ परिवार गांव-गांव घूमकर भिक्षावृत्ति का काम करते हैं। ननगुटई, वित्तन, मनोज, चटीराम आदि के परिवारीजनों ने इस समय भुजेहरा के मजरे खैरहनिया में डेरा जमा रखा है। वे गांव के उत्तर लगभग 50 मीटर दूर वीरेन्द्र वर्मा के आम बाग में प्लास्टिक की पन्नी तानकर उसी के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। मंगलवार रात चटीराम का परिवार भोजन के बाद सो गया था। उनकी पत्नी गीता देवी के बगल 19 दिन की काजल भी सोई थी। गीता देवी ने बताया कि चादर खींचने पर उनकी नींद टूट गई।
टार्च की रोशनी में देखा कि काजल को तेंदुआ जबड़े में जकड़कर भाग रहा है। शोर मचाया तो आस पास के लोग दौड़ पड़े। चीख पुकार सुनकर भुजेहरा व खैरहनिया के दर्जनों लोग मौके पर पहुंचे। वे रातभर टार्च की रोशनी में काजल की तलाश करते रहे, लेकिन उसका पता नहीं चला। भुजेहरा व खैरहनिया में भयवश लोगों ने पहरा देकर रात बिताई। ग्रामीणों को संदेह था कि कहीं तेंदुआ गांव में न घुस आए। सुबह छह बजे घटना की सूचना पाकर प्रभारी निरीक्षक अभिषेक सिंह व बरहवा के क्षेत्रीय वनाधिकारी राकेश पाठक दल बल के साथ घटना स्थल पहुंचे।
काजल की तलाश में भटक रही पुलिस व वन विभाग टीम
वन विभाग व पुलिस टीम काजल की तलाश में दो घंटे तक भटकती रही। घटना स्थल से लगभग 100 मीटर दूर खैरहनिया नाला है। जिसके किनारे घनी झाड़ियां लगी हुई हैं। काफी खोजबीन के बावजूद काजल का पता नहीं चल सका। घटना से चंद कदम दूर तीन स्थानों पर खून बिखरे मिले।
मौके पर पहुंचे उप प्रभागीय वनाधिकारी एमबी सिंह ने प्राथमिक विद्यालय खैरहनिया प्रथम में बच्चों को एकत्रित कर उन्हें तेंदुए से बचने के उपाय बताए। कहा कि बच्चे समूह बनाकर स्कूल पहुंचे। झाड़ियों के किनारे जाने से बचें। गन्ना खेत के बीच से होकर कहीं भी न जाएं। जागरूकता सम्बन्धी साहित्य का वितरण विद्यालय व गांव में किया गया।
इस घटना से फकीरीडीह, जुम्मनडीह, लैबुड़वा, टेढ़ीप्रास, खैरहनिया, चिरौंजीपुर, लछुआपुर, जोखवा, पूरनपुर, गंजड़ी, भुजेहरा, नरायनपुर व मनोहरापुर में दहशत है। लोगों का कहना है कि तेंदुआ यदि नहीं पकड़ा गया तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। सभी ने तेंदुआ पकड़वाने की मांग वन विभाग से की है।
लैबुड़वा में निराश्रित मवेशियों को निवाला बना रहा तेंदुआ
लैबुड़वा गांव के आस पास तेंदुआ दिखने से दहशत है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के निकट वन टांगिया है, जिसमें तेंदुआ छिपा रहता है। अंधेरा होने पर वह निकलकर गांवों का चक्कर काटता रहता है। कई निराश्रित मवेशियों व बकरियों को अपना निवाला बना चुका है। वन विभाग को कई बार सूचना दी गई, लेकिन अभी तक पिंजरा लगाकर तेंदुए को नहीं पकड़ा गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि तेंदुआ महादेव गोंसाई शिवाला, बल्दीडीह, दांदव व महदेइया आदि गांव के निकट भ्रमण कर निराश्रित मवेशियों को निवाला बना रहा है। ग्रामीणों के मुताविक खैरहनिया से बरहवा रेंज की दूरी लगभग दस किलोमीटर है। गन्ना फसल के रास्ते तेंदुआ गांवों में दस्तक दे रहा है।
डीएफओ सोहेलवा डॉ एम सेम्मारन के अनुसार दुधमुंही बच्ची को उठाने वाले वन्यजीव का पता अभी नहीं चल सका है। घटना स्थल के आस पास तेंदुए के पगचिन्ह नहीं मिले हैं। घटना स्थल के निकट ट्रैपिंग कैमरा व पिंजरा लगाया गया है। मासूम को उठाने वाले वन्यजीव का पता शीघ्र ही चल जाएगा। उसके बाद उसे पकड़ने की रणनीति बनाई जाएगी।