पेपर लीक करवाना योगी सरकार की नीति बन गई, यूपी पीसीएस स्थगित करने पर प्रियंका गांधी का हमला
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) की परीक्षा का दूसरी बार स्थगित होना योगी आदित्यनाथ सरकार की विफलता है। लगता है पेपर लीक कराना सरकार की नीति बन गई है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) की परीक्षा का दूसरी बार स्थगित होना योगी आदित्यनाथ सरकार की विफलता है और इससे लगता है कि पेपर लीक करवाना सरकार की नीति बन गई है। इससे युवाओं का भविष्य चौपट हो रहा है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी पीसीएस की प्रिलिम्स परीक्षा दूसरी बार स्थगित कर दी गई। यूपी टेक्निकल एजुकेशन सर्विसेज-2021 की परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया। बार-बार परीक्षाएं स्थगित करना, पेपरलीक और भ्रष्टाचार के जरिये युवाओं का भवष्यि बर्बाद करना भाजपा सरकार की नीति बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि प्रतियोगी छात्र यूपीपीसीएस की परीक्षा दो दिन में कराने के प्रस्ताव का भी विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क जायज है कि एक ही परीक्षा दो दिन में होगी तो नॉर्मलाइजेशन की आड़ में स्केलिंग जैसा खेल फिर शुरू होगा। भाजपा एक तरफ तो युवाओं का भवष्यि चौपट कर रही है, दूसरी तरफ नौकरियां नहीं देकर पिछड़ों, दलितों और वंचितों से आरक्षण का भी अधिकार छीन रही है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने गुरुवार को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने की घोषणा करते कहा कि पीसीएस की 27 अक्टूबर को होने वाली परीक्षा स्थगित कर दी गई है और जब परीक्षा होगी इसकी जानकारी उम्मीदवारों को दी जाएगी।
परीक्षा के संभावित पेपर लीक की जांच शुरू
भदोही। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की 20 अक्टूबर को होने वाली तकनीकी शिक्षा (अध्यापन) परीक्षा के संभावित पेपर लीक मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि यह कदम भदोही में स्थित भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) के एक कर्मचारी और एक अज्ञात व्यक्ति के बीच कथित बातचीत का ऑडियो सामने आने के बाद उठाया गया है। पुलिस के अनुसार ऑडियो क्लिप में व्यक्तिगत लाभ के लिए आगामी परीक्षा की शुचिता से समझौते के प्रयास का संकेत मिला है।
अपर पुलिस अधीक्षक तेजवीर सिंह ने बताया कि कथित ऑडियो क्लिप का पता चलने पर आईआईसीटी के निदेशक राजीव कुमार वार्ष्णेय ने ईमेल के जरिए यूपीपीएससी सचिव को मामले की सूचना दी। अधिकारी ने बताया कि 14 अक्टूबर को भेजे गए ईमेल में वार्ष्णेय ने आईआईसीटी के राजेश वर्मा नामक कर्मचारी के साथ हुई कथित बातचीत का विस्तृत विवरण दिया है।
सिंह ने कहा कि बातचीत से पता चलता है कि निजी लाभ के लिए आगामी परीक्षा से समझौते का प्रयास किया जा रहा है। आईआईसीटी के निदेशक ने अनुरोध किया है कि ऑडियो क्लिप के साथ-साथ अधिक साक्ष्यों वाली एक पेन ड्राइव को गहन जांच के लिए प्रस्तुत किया जाए।
अधिकारी ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए, यूपीपीएससी के उप सचिव धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी ने 16 अक्टूबर को भदोही सिटी थाने में एक औपचारिक शिकायत दर्ज की, जिसमें उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के उल्लंघन का हवाला दिया गया। सिंह ने कहा कि मामले में शामिल व्यक्तियों से पूछताछ समेत व्यापक जांच की जा रही है।