एक पखवारे से बांसी में जलसंकट, हजारों लोग प्रभावित
बांसी ग्राम पंचायत में जल संस्थान की लापरवाही के कारण हजारों लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं। सरकारी नलों से हवा निकलने के कारण लोग हैंडपंपों पर लाइन में लगते हैं। पिछले आठ वर्षों से एक पंप खराब है और...
बांसी। जल संस्थान अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते बांसी ग्राम पंचायत में हजारों लोग बूंद बूंद पानी को परेशान हैं। सरकारी नलों की टोटियों से निकलती हवा के कारण कस्बावासी सुबह से लेकर देर शाम तक हैंडपंपों पर कतारबद्ध रहते हैं। पड़ोसियों की मदद भी लोगों के काम आ रही है। इन स्थितियों के चलते लोगों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। बांसी ग्राम पंचायत से होकर गुजरती शहजाद नदी का कच्चा पानी लेकर उसको ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्ध करते हैं। इसके बाद पंपिंग सेट के माध्यम से शुद्ध पानी बांसी निवासी व्यक्तियों को जलापूर्ति की जाती है। शहजाद नदी के पास बने इनटैकबेल में 50 होर्स पावर की दो मोटरें लगी हैं। जिनमें दो पम्प भी जुटे हैं। आठ वर्ष पहले इसका एक पम्प खराब हो गया था। जो विभागीय लापरवाही से आठ वर्ष बाद भी ठीक नहीं कराया गया। बीते तेरह नवंबर को दूसरा पम्प भी खराब हो गया। जिसके चलते पेयजल आपूर्ति ठप हो गयी थी। जानकारी मिलते ही चौदह नवंबर को यह पम्प ठीक होने के लिए झांसी भेजा गया, जिसे दो दिन में ठीक होकर आ जाना चाहिए लेकिन वह छठवें दिन उन्नीस नवंबर को ठीक होकर आया। कुछ समय चलने के बाद बीस नवंबर को पम्प पुन: खराब हो गया। जिसकी वजह से कस्बावासी बूंद बूंद पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। रात में सोने से पहले सुबह के पानी का इंतजाम कर लेते हैं। वहीं सुबह की दिनचर्या होने के बाद पानी का स्टाक करते हैं। इस कारण कस्बा में लगे हैण्डपम्पों पर फिलहाल लोगों की भीड़ लगी रहती है। लोगों के घरों में जेट और सबमर्सिबल पम्पों पड़ोसियों का सहारा बने हुए हैं। पड़ोसियों के घरों में पाइप डालकर पानी भरवाया जा रहा है। आज कल जलापूर्ति बहाल होने की उम्मीद थामे लोगों के सब्र का बांध अब जवाब देने लगा है। कस्बावासियों ने जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी से मुलाकात करके जलापूर्ति दुरुस्त कराने के लिए मांग उठाई। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जलापूर्ति दुरुस्त नहीं हुई तो वह लोग आंदोलन करेंगे।
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