शिक्षण कार्य में रुचि नहीं ले रहे मास्साब, स्पष्टीकरण तलब
शिक्षण कार्य में रुचि नहीं ले रहे मास्साब, स्पष्टीकरण तलबबेसिक शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण में खुली शिक्षण व्यवस्था की पोलललितपुर। मोटा वेतन लेने वाले
ललितपुर। मोटा वेतन लेने वाले परिषदीय शिक्षक स्कूलों में समय से नहीं पहुंच रहे हैं। जिसकी वजह से बच्चों की शिक्षा व्यवस्था चौपट है। बेसिक शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण में यह जमीनी हकीकत सामने आ गयी। जिसके बाद कई शिक्षकों को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी रणवीर सिंह ने विकास खण्ड महरौनी के कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुम्हैड़ी का सुबह 9.40 बजे आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय बच्चे एकत्र होकर विद्यालय परिसर में बैठे थे, जबकि उक्त समय बच्चों को उनकी कक्षाओं में विधिवत पठन-पाठन कार्य कराया जाना निर्धारित है। विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापक लक्ष्मीबाई निरंजन एवं अनुचर विजय सिंह उपस्थित थे, जबकि अनुदेशक अर्चना दुबे प्रसूति अवकाश पर थीं। इंचार्ज प्रधान अध्यापक देवेन्द्र सिंह चौहान का उपस्थिति पंजिका में आकस्मिक अवकाश अंकित था, लेकिन वह भी स्वीकृत नहीं था। सहायक अध्यापक प्रेमलता रजक और अनुदेशक जितेन्द्र कुमार सेन अनुपस्थित थे, जबकि अनुदेशक शिवसहाय श्रीवास्तव बीआरसी महरौनी पर सम्बद्ध बताये गये। निरीक्षण के समय विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति न्यून पायी गयी। बीएसए के निरीक्षण में यह तो स्पष्ट देखने को मिला कि विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों व अनुदेशकों द्वारा शिक्षण कार्य में रूचि नहीं ली जा रही है और कार्यरत कर्मियों की उपस्थिति भी नियमित नहीं है। वहीं विद्यालय का भौतिक व शैक्षणिक स्तर संतोषजनक नहीं मिला। इस पर बीएसए ने अनुपस्थित सहायक अध्यापक प्रेमलता रजक का वेतन रोका, तो वहीं अनुदेशक जितेन्द्र सेन का वेतन काटा। वहीं शिथिल पर्यवेक्षण व लापरवाही पर प्रधानाध्यापक देवेन्द्र सिंह चौहान से तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने के लिए निर्देशित किया। बीएसए रणवीर सिंह प्राथमिक विद्यालय बारौन भी पहुंचे। यहां कार्यरत सहायक अध्यापक निशान्त कुमार असाटी, स.अ. सौरभ श्रीवास्तव, शिक्षामित्र अवधेश सिंह मौजूद मिले, जबकि अनंदीलाल विशेष पुनरीक्षण मतदाता अभियान के लिए गये थे और अवधेश बुन्देला बिना सूचना के अनुपस्थित मिली। वहीं विद्यालय में बच्चों की संख्या न्यून पायी गयी और कक्षाओं में शिक्षण कार्य किया जा रहा था। बीएसए ने इं.प्र.अ. को निर्देशित किया कि वह विद्यालय में प्राप्त कम्पोजिट ग्राण्ट एवं एमडीएम के लिए वर्तनों की प्राप्त धनराशि से कार्य व सामान क्रय करें।
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