चिटफंड कंपनी के एक और शातिर ठग को पुलिस ने दबोचा
ललितपुर में और एक धोखाधड़ी गिरफ्तार, चिटफंड कंपनी में निवेशकों को ठगने का आरोप।
ललितपुर। कम समय में धन दुगना करने का झांसा देकर हजारों लोगों के करोड़ों रुपये चिटफंड कंपनी एलयूसीसी में निवेश कराने वाले एक और शातिर ठग को कोतवाली सदर पुलिस ने दबोच लिया। आरोपित के माध्यम से पुलिस को कई अहम जानकारी हाथ लगी है। उसके पास से डेढ़ लाख रुपये, दो माबाइल फोन, महत्वपूर्ण अभिलेख बरामद हुए। चिटफंड कंपनियों के खिलाफ जनपद पुलिस की कार्रवाई ने निवेशकों को शिकायत की हिम्मत दे दी। वह अपने घरों से निकलकर प्रशासनिक और पुलिस अफसरों को लाखों रुपये निवेश और परिपक्वता तिथि गुजरने के बावजूद भुगतान न करने की जानकारी दे रहे हैं। जिसके आधार पर जनपद के विभिन्न थानों में एक के बाद एक मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। जिसमें रुपये मांगने पर मारपीट, जान से मारने की धमकी आदि की भी जानकारी दी जा रही है। आरोपितों की धरपकड़ में पुलिस जुटी हुई है। इस क्रम में कोतवाली सदर पुलिस, साइबर थाना पुलिस, स्वाट टीम ने मकान नंबर 825 मुहल्ला रामनगर लेखपाल कालोनी ललितपुर निवासी राहुल तिवारी पुत्र तिलकराम तिवारी हाल निवासी बी-55 तिरुपति अभिनव होम्स अयोध्या बाईपास थाना छोला जनपद भोपाल मप्र से कोतवाली सदर में पहले पूछताछ की फिर उसको गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपित के कब्जे से 1,51,220 रुपये, दो अदद मोबाइल फोन व कम्पनी के कागजात बरामद किए। विभिन्न औपचारिकताओं के बाद पुलिस ने आरोपित को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया। इस शातिर ठग के खिलाफ कोतवाली सदर, थाना जखौरा और कोतवाली तालबेहट में आठ मुकदमे दर्ज हैं। कार्रवाई के दौरान कोतवाली सदर के प्रभारी निरीक्षक रमेश चन्द्र मिश्रा, निरीक्षक नरेन्द्र सिंह, निरीक्षक जनार्दन सिंह, निरीक्षक अरविन्द सिंह, निरीक्षक शावेज खान साइबर क्राइम थाना और स्वाट टीम मौजूद रही।
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अब तक चार आरोपितों की गिरफ्तारी
ललितपुर। एलयूसीसी के खिलाफ कोतवाली सदर में दर्ज मुकदमों के क्रम में पुलिस अब तक नीरज जैन, जगत सिंह और आलोक जैन को गिरफ्तार कर चुकी थी। अब राहुल तिवारी की गिरफ्तारी से इस मामले में जेल भेजे जाने वाले आरोपितों की संख्या चार हो चुकी है।
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भाई रवि ने समीर से कराई थी मुलाकात
ललितपुर। पुलिस अफसरों के मुताबिक पूछताछ के दौरान आरोपित राहुल तिवारी ने बताया कि उसके भाई रवि तिवारी ने समीर अग्रवाल से उसको मिलवाया था। सेमिनार में भी समीर अग्रवाल से मुलाकातें होती रहीं। रवि और समीर बहुत ही नजदीकी से जुड़े हैं। वह अपने भाई रवि का सहयोगी रहा और उनके साथ मिलकर एडवान्टेज नामक कम्पनी, हॉलीडे पैकेज नेटवर्किंग, पैराबैकिंग आप्सन नाम की कम्पनियां से जुड़े रहा और लोगो का रुपया इनमें लगवाता रहा। इस एवज में उसको अच्छा कमीशन मिलने लगा, जिससे उसका लालच बढ़ता चला गया।
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