Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़ललितपुरGovernment Claims to Protect 40 000 Cattle in Lalitpur Amid Ongoing Road Hazards

सरकारी इन्तजाम नाकाफी, सड़कों पर गोवंश

फोटो- 1, 2कैप्सन- जाखलौन रोड स्थित खिरियामिश्र ग्राम पंचायत में सड़क पर विचरण करते गोवंश, बानपुर स्थित द्वार पर बैठे मवेशी सरकारी इन्तजाम नाकाफी, सड़कों

Newswrap हिन्दुस्तान, ललितपुरFri, 22 Nov 2024 11:45 PM
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ललितपुर। जनपद में तकरीबन चालीस हजार गोवंशों के संरक्षण और संवर्धन का सरकारी दावा सच मान भी लिया जाए तो सड़कों पर घूमते गोवंशों के झुंड फर्जी और काल्पनिक नहीं हैं। जाखलौन मार्ग पर मवेशियों की गतिविधियां हमेशा से समस्या बनी हुई हैं। बानपुर में उप्र के स्वागत द्वार पर बैठे गोवंश के झुंड मुसाफिरों का अभिनंदन करते दिखाई देते हैं। बुंदेलखंड स्थित ललितपुर जनपद में अन्ना प्रथा किसी से छिपी नहीं रही। इसमें हजारों गोवंश लोगों के खेत खालिहानों में विचरण करते थे। जिसकी वजह से किसानों को फसलों का भारी नुकसान हो रहा था। समस्या के समाधान को शासन ने इन गोवंशों के संरक्षण और संवर्धन की योजना बनाई। जिस पर पशुपालन विभाग काम कर रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस समय स्थाई और अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों की संख्या 25 हैं। इसके अलावा महरौनी, ललितपुर व तालबेहट में कान्हा आश्रय स्थल और 22 कांजी हाऊस मवेशियों के लिए संचालित हैं। इनमें लगभग 31,000 मवेशी संरक्षित हैं। वहीं सहभागिता के आधार पर लगभग 11,000 गोवंश ग्रामीणों को सौंपे गए हैं। इस तरह जनपद में कोई 42,000 मवेशी संरक्षित हैं। इनकी खुराक भूसा, साइलेज, चूनी, दाना, गुड़, हरा चारा आदि पर 50 रुपये प्रतिदिन प्रति मवेशी की दर से हर रोज 21,00,000 रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस तरह एक महीने में 6,30,00,000 व एक वर्ष में 75,60,00,000 रुपये सिर्फ गोवंशों के भोजन पर व्यय के अलावा स्वास्थ्य, प्रबंधन व मानव संसाधन पर बड़ी धनराशि भी खर्च हो रही है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में मवेशी सड़क पर विचरण कर रहे हैं, जिनकी वजह से दुर्घटनाओं में सड़कें लाल हो रही हैं। कभी मवेशी तो कभी वाहन चालक मौत की नींद सोते हैं। विकास व राजस्व विभाग के अधिकारी इन स्थितियों से अवगत हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता है। जिस कारण मवेशियों के झुंड सड़कों पर विचरण करते दिखाई दे रहे हैं। जाखलौन रोड स्थित खिरियामिश्र के पास मवेशियों का दल सड़कों पर विचरण करता रहता है। जिस कारण वाहन चालकों को आवागमन में दिक्कतें होती हैं। बानपुर में उत्तर प्रदेश के प्रवेश द्वार पर मवेशी दिनरात बैठकर मुसाफिरों का स्वागत करते हैं। रात के अंधेरे में कई बार छोटी बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं।

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